छत्तीसगढ़

Nandanvan Panther Death: नहीं रहा नंदनवन का ‘नरसिंह’, ढाई महीने की बीमारी ने ले ली जान

रायपुर: Nandanvan Panther Death: नंदनवन बायोलॉजिकल पार्क का चमकता सितारा, तेंदुआ ‘नरसिंह’, अब इस दुनिया में नहीं रहा. बीते दस सालों से जो तेंदुआ जंगल सफारी में लोगों की आंखों का तारा बना हुआ था, उसने लंबी बीमारी के बाद आखिरकार दम तोड़ दिया.

ट्यूमर बना जान का दुश्मन

नरसिंह की उम्र करीब 16 साल थी. उम्र के इस पड़ाव में वो एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा था. जानकारी के मुताबिक, उसके शरीर में ट्यूमर लगातार बढ़ता जा रहा था, जिससे न सिर्फ खाना-पीना मुश्किल हो गया था, बल्कि दवाएं भी असर करना बंद कर चुकी थीं. हालत इतनी बिगड़ गई थी कि वह सामान्य रूप से हिल-डुल भी नहीं पा रहा था.

2014 में हुआ था रेस्क्यू

नरसिंह को साल 2014 में बालोद वन परिक्षेत्र से रेस्क्यू करके नंदनवन लाया गया था. तब से वो नंदनवन के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ था. बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई उसे देखने के लिए जंगल सफारी का रुख करता था. उसकी रौबदार चाल और तीखी निगाहें लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती थीं.

जंगल सफारी का शिफ्ट प्लान, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था

नंदनवन में चार तेंदुए हैं, और इन्हें जंगल सफारी में शिफ्ट करने की योजना बनाई गई थी. लेकिन नरसिंह के लिए ये प्लान अधूरा रह गया. जंगल सफारी वनमंडल ने पुष्टि की कि नरसिंह की मौत के बाद पोस्टमार्टम किया गया और फिर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.

अब नंदनवन की सैर करने वालों को ‘नरसिंह’ की कमी जरूर खलेगी. वो सिर्फ एक तेंदुआ नहीं था, बल्कि एक यादगार अनुभव का हिस्सा बन चुका था.

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