Mekahara Hospital Journalist Assault: मेकाहारा में पत्रकारों से मारपीट पर बवाल: रायपुर पुलिस का सख्त एक्शन, बाउंसरों का सिर मुंडवाकर निकाला जुलूस

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित मेकाहारा (डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल) में पत्रकारों के साथ हुई मारपीट और बदसलूकी का मामला तूल पकड़ गया है। रविवार 25 मई की रात को हुई इस घटना के बाद प्रदेशभर के पत्रकारों में भारी आक्रोश देखने को मिला। देर रात सीएम हाउस घेराव के बाद सोमवार को पुलिस हरकत में आई और इस मामले में बड़ी कार्रवाई की।
क्या है पूरा मामला?
Journalist Assault: रविवार रात कुछ निजी चैनलों के पत्रकार एक चाकूबाजी की घटना में घायल युवक की कवरेज के लिए मेकाहारा पहुंचे थे। इस दौरान अस्पताल में तैनात निजी एजेंसी के बाउंसरों ने पत्रकारों के साथ न सिर्फ बदतमीजी की, बल्कि उनके साथ हाथापाई और मारपीट भी की। यहां तक कि बाउंसरों ने हथियार निकालकर धमकाने की भी कोशिश की। पूरी घटना अस्पताल परिसर में मौजूद कैमरों में कैद हो गई।

पत्रकारों का सीएम हाउस घेराव
CM House Protest: इस घटना के बाद रायपुर के पत्रकार संगठनों ने देर रात मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने मांग की कि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इस दौरान रायपुर एसएसपी उमेद सिंह और मेकाहारा के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर मौके पर पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत कर कार्रवाई का भरोसा दिया। देर रात तक चले धरने के बाद पत्रकारों ने प्रदर्शन खत्म किया।

रायपुर पुलिस का एक्शन: बाउंसरों का जुलूस
Bouncers Arrested: सोमवार सुबह रायपुर पुलिस ने तीन बाउंसरों को गिरफ्तार किया और कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका सिर मुंडवाकर जुलूस निकाला। पुलिस ने उन्हें कोर्ट तक पैदल ले जाया, जहां उनकी पेशी हुई। इस दौरान सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग जुटे और इस कार्रवाई को देखा। बाउंसरों के हाव-भाव पूरी तरह बदल चुके थे। कल तक जो पत्रकारों से बदसलूकी कर रहे थे, आज शर्मसार नजर आए। पुलिस की यह कार्रवाई लोगों में चर्चा का विषय बनी रही।
एजेंसी संचालक के पास से हथियार बरामद
Gun Seized: पुलिस ने बाउंसर सप्लाई करने वाली एजेंसी के संचालक वसीम को भी गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से एक पिस्तौल और कुछ गोलियां बरामद हुई हैं। वसीम पर आरोप है कि वह मौके पर पहुंचकर पत्रकारों से मारपीट में शामिल था और उसने हथियार भी दिखाया था।

एफआईआर और धाराएं
इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं:
- पहली एफआईआर पत्रकारों के साथ मारपीट और बदसलूकी को लेकर की गई है।
- दूसरी एफआईआर उस वक्त की है जब अन्य पत्रकार साथी मौके पर पहुंचे थे, जहां वसीम ने दुर्व्यवहार किया और हथियार ताने।
पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें आर्म्स एक्ट भी शामिल है।

ASP लखन पटले ने क्या कहा?
एएसपी लखन पटले ने कहा,
“बाउंसरों ने पत्रकारों के ऊपर हथियार ताने थे, यह गंभीर अपराध है। अभी तक आरोपियों ने हथियार का लाइसेंस नहीं दिखाया है। अगर उनके पास लाइसेंस होगा भी, तो उसे रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। अपराधियों के पास लाइसेंसी हथियार नहीं होने चाहिए।”
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस घटना को निंदनीय बताया और कहा,
“पत्रकारों को धमकाने वाले मिट्टी में मिला दिए जाएंगे। यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है।”
पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और विधायक देवेंद्र ने इस घटना की निंदा की
एक्स पर कांग्रेस ने लिखा कि प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा हॉस्पिटल में बाउंसरों का कहर है. खस्ता हाल व्यवस्थाओं और लापरवाही को ठीक करने की बजाए भारी भुजाओं वाले गुंडे पाल लिए गए हैं, जो मीडिया कर्मियों के साथ मारपीट, बदतमीजी कर भीतर की पोल खुलने से बचाते हैं.

पत्रकारों ने की पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग
Press Freedom: पत्रकारों का कहना है कि राज्य सरकार ने 2023 में पत्रकार सुरक्षा कानून पारित किया था, लेकिन आज तक इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया है। अब मांग है कि इसे सख्ती से लागू किया जाए, ताकि पत्रकार सुरक्षित माहौल में काम कर सकें।
मेकाहारा में पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना ने प्रदेशभर में मीडिया बिरादरी को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस की सख्त कार्रवाई के बावजूद सवाल यही है — क्या आने वाले समय में पत्रकार सुरक्षित महसूस करेंगे? क्या पत्रकार सुरक्षा कानून सिर्फ कागज़ों में रह जाएगा या अब वाकई कुछ ठोस कदम उठेंगे?
अगर आप चाहते हैं कि पत्रकारों के साथ हो रहे इस तरह के अत्याचार बंद हों, तो अपनी आवाज़ उठाइए।
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