छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री की ’10 क्रांति’: सीएम विष्णु देव साय ने टेक्नोलॉजी से भरे नए सिस्टम का किया लोकार्पण

रायपुर, 4 मई 2025: छत्तीसगढ़ की जनता के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। अब जमीन की रजिस्ट्री होगी डिजिटल, पारदर्शी और झंझट से मुक्त। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नया रायपुर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में “पंजीयन की 10 क्रांति” का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत रजिस्ट्री से जुड़े 10 टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन लागू किए गए हैं, जिससे न केवल प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि फर्जीवाड़ों पर भी लगाम लगेगी।
कार्यक्रम में मंत्रीगण हुए शामिल
इस खास मौके पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पंजीयन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, क्रेडाई और चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि और लाभार्थी पक्षकार भी शामिल थे।
सुशासन की ओर बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री साय ने मंच से साफ कहा—”हमारी सरकार का पहला लक्ष्य है सुशासन और पारदर्शिता। राजस्व से जुड़े मामलों के लिए अब लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। रजिस्ट्री के साथ अब नामांतरण भी तुरंत होगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि वो खुद 35 वर्षों से जनता की जमीन संबंधी परेशानियों के गवाह रहे हैं। ऑटो म्यूटेशन सिस्टम अब इन दिक्कतों का समाधान लेकर आया है।
फर्जीवाड़े की छुट्टी, सुविधा की एंट्री
सीएम ने बताया कि ऑफलाइन व्यवस्था को खत्म कर अब सब कुछ ऑनलाइन किया जा रहा है। कोयला और आबकारी जैसे विभागों की तरह भूमि रजिस्ट्री सिस्टम में भी सुधार किए गए हैं। इससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी।
डिजिटल गवर्नेंस का दम
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है जिसने सुशासन और अभिसरण विभाग की स्थापना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल गवर्नेंस को अपनाकर न सिर्फ पारदर्शिता ला रही है, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी सीधे आम लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
पीएम मोदी के विजन पर अमल
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जी हमेशा कहते हैं—रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म। आज छत्तीसगढ़ उसी रास्ते पर चल रहा है। पहले लोगों को महीनों लग जाते थे नामांतरण कराने में, अब ये काम मिनटों में हो रहा है।”
जनता ने बताई असली बात
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने रजिस्ट्री कराने वाले लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बात की। बालोद जिले के मोहनलाल साहू ने बताया कि पहले हफ्तों लग जाते थे, अब 15–20 मिनट में रजिस्ट्री और नामांतरण दोनों हो गए। रायपुर के अयूब अहमद ने कहा कि उनकी एक जमीन तीन बार फर्जी तरीके से बिक चुकी थी क्योंकि नामांतरण नहीं हुआ था। अब नई व्यवस्था से उन्हें काफी राहत मिली है।
टेक्नोलॉजी से भरी 10 क्रांतियां, जानिए क्या-क्या बदला
1. आधार आधारित प्रमाणीकरण:
अब रजिस्ट्री में शामिल सभी की पहचान आधार से होगी। इससे गलत व्यक्ति को खड़ा कर पंजीयन कराना नामुमकिन होगा।
2. ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड:
खरीदने से पहले अब कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन खसरा नंबर डालकर पूरी जानकारी ले सकता है। कोई वकील पकड़ने या दफ्तर जाने की ज़रूरत नहीं।
3. भारमुक्त प्रमाणपत्र ऑनलाइन:
प्रॉपर्टी पर कोई लोन या भार है या नहीं—यह सर्टिफिकेट अब ऑनलाइन मिलेगा।
4. एकीकृत कैशलेस भुगतान:
स्टांप और पंजीयन शुल्क अब एकसाथ, ऑनलाइन—क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या UPI से।
5. व्हाट्सएप पर अपडेट:
पंजीयन से जुड़े सारे अपडेट, अपॉइंटमेंट और रजिस्ट्री की प्रति सीधे व्हाट्सएप पर। शिकायत और फीडबैक की सुविधा भी।
6. डिजीलॉकर इंटीग्रेशन:
अब रजिस्ट्री दस्तावेज डिजिलॉकर में स्टोर होंगे। ज़रूरत पड़ने पर कभी भी डाउनलोड करें।
7. ऑटो डीड जनरेशन:
कागजों की टेंशन खत्म। सारी जानकारी ऑनलाइन भरते ही दस्तावेज खुद-ब-खुद बन जाएगा।
8. डिजीडॉक्यूमेंट सुविधा:
स्टांप वाले लेकिन नॉन-रजिस्ट्री दस्तावेज (जैसे शपथ पत्र) भी अब ऑनलाइन तैयार होंगे।
9. घर बैठे रजिस्ट्री:
अब पक्षकार घर से ही रजिस्ट्री करा सकते हैं। ऑनलाइन डॉक्यूमेंट बनाएं, फीस चुकाएं और अपॉइंटमेंट लें।
10. स्वत: नामांतरण:
रजिस्ट्री होते ही नामांतरण भी अपने आप हो जाएगा। महीनों लगने वाली प्रक्रिया अब मिनटों में।
‘सुगम ऐप’ और नियमों में बड़ा बदलाव
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि सरकार ने रजिस्ट्री के पुराने नियमों को वर्तमान समय की ज़रूरतों के अनुसार बदला है। अब गोदनामा जैसे दस्तावेज़ों में सिर्फ “पुत्र” नहीं बल्कि “पुत्री” को भी शामिल किया गया है। ‘सुगम ऐप’ से अब 2 लाख से ज्यादा संपत्तियों की जियो टैगिंग हो चुकी है।
नामांतरण ही था सबसे बड़ा झंझट
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने बताया कि विभाग के 90% लंबित केस नामांतरण से जुड़े होते थे। ऑटो म्यूटेशन से ये झंझट अब खत्म होगा और बाकी काम भी तेजी से हो सकेंगे।