
बीजापुर CG Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में माओवादियों ने एक बार फिर निर्दोष ग्रामीणों को अपना निशाना बनाया है। सोमवार देर रात तर्रेम थाना क्षेत्र के बुड़गी चेरू गांव में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी। इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
जंगल ले जाकर की निर्मम हत्या
जानकारी के मुताबिक, नक्सली गांव में घुसे और राजू कारम व मुन्ना माडवी को जबरन अपने साथ जंगल ले गए। वहां दोनों पर पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया गया और निर्मम तरीके से उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उनकी लाशें गांव के पास फेंक दी गईं। मंगलवार सुबह जब ग्रामीणों ने शव देखे तो पूरे गांव में सनसनी फैल गई।
पुलिस ने शुरू की सर्चिंग ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
26 जनवरी को भी हुई थी हत्या
इससे पहले 26 जनवरी को भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के केशामुंडी गांव में भी माओवादियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। माओवादी भदरू सोढ़ी के घर पहुंचे और कुल्हाड़ी से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इस वारदात के पीछे भी वही मंशा थी—गांव वालों में डर फैलाना और सुरक्षा बलों के खिलाफ माहौल बनाना।
फोर्स के बढ़ते प्रभाव से नक्सली बौखलाए
बस्तर में इन दिनों सुरक्षाबलों का ऑपरेशन तेज हुआ है, जिससे नक्सली बैकफुट पर हैं। पुलिस और फोर्स की कार्रवाई से वे इतने परेशान हैं कि अब ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि फोर्स के खिलाफ जनता का भरोसा तोड़ने और अपनी दहशत बनाए रखने के लिए नक्सली ऐसी कायराना हरकतें कर रहे हैं।
नक्सलवाद के खिलाफ सरकार का सख्त रुख
सरकार और सुरक्षाबल नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। हाल के वर्षों में कई बड़े ऑपरेशन के जरिए माओवादी संगठनों को करारा जवाब दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है, ताकि स्थानीय लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें और हिंसा का यह दुष्चक्र खत्म हो सके।
ग्रामीणों से अपील—डरें नहीं, प्रशासन के साथ खड़े रहें
पुलिस और प्रशासन लगातार ग्रामीणों से अपील कर रहा है कि वे नक्सलियों के दबाव में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत दें। फोर्स के प्रति भरोसा बनाए रखना ही नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का सबसे बड़ा हथियार है।
बस्तर में जारी यह निर्णायक लड़ाई कब खत्म होगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन इतना तय है कि सुरक्षाबल हर हाल में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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