धमतरी में बाघ की दस्तक: ट्रैप कैमरे में कैद हुई तस्वीर, विभाग में खुशी, एमपी से भी दो टाइगर लाने की तैयारी

धमतरी जिले के उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व (USTR) में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हो गई है। 24 मई को लगाए गए ट्रैप कैमरे में बाघ की स्पष्ट तस्वीर कैद हुई, जिससे वन्यजीव संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। यह तस्वीर अरसीकन्हार रेंज के जंगलों में ली गई है, जो पहले बाघों के लिए अज्ञात क्षेत्र माना जाता था।

मध्यप्रदेश से बाघ लाने की तैयारी

Udanti-Sitanadi Tiger Reserve: इस बीच, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश से दो बाघों (एक नर और एक मादा) को लाने की योजना है। यह कदम बाघों की प्रजनन दर को बढ़ाने और उनकी संख्या को स्थिर करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के बांधवगढ़, कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व से इन बाघों को लाया जाएगा। इस प्रक्रिया में एक से दो महीने का समय लग सकता है, और यह पूरी तरह से केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बाद ही संभव होगा।

संरक्षण प्रयासों की सराहना

उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व ने अपने संरक्षण प्रयासों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की है। वन्यजीवों की सुरक्षा, अवैध शिकार पर नियंत्रण, और स्थानीय समुदायों की भागीदारी के कारण इस क्षेत्र में वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। हाल ही में, ट्रैप कैमरों में बाघ, तेंदुआ, हाथी और स्लॉथ भालू जैसी प्रजातियों की तस्वीरें कैद हुई हैं, जो इस क्षेत्र की जैव विविधता को दर्शाती हैं।

धमतरी जिले में बाघ की उपस्थिति और मध्यप्रदेश से बाघों का आगमन इस क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह कदम न केवल बाघों की संख्या बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र को भी सुदृढ़ करेगा। वन्यजीव संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और सरकारी प्रयासों का यह संयोजन एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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