Lady Dies After Delivery: प्रसूता की मौत मामले में जांच शुरू, स्वास्थ्य आयुक्त के निर्देश पर चार डाक्टरों की कमेटी गठित, तीन दिन में मांगी गयी रिपोर्ट

Lady Dies After Delivery: बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि बच्ची को जन्म देने के बाद डाक्टरों की लापरवाही से 24 वर्षीय प्रसूता साक्षी की मौत हो गई। साक्षी की नवजात बच्ची ने माँ की ममता का आंचल देखे बिना ही जिंदगी की शुरुआत कर दी। शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिये हैं। चार सदस्यीय कमेटी से तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गयी है।
डिलीवरी के कुछ घंटों बाद एक महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं। मृतका की पहचान साक्षी के रूप में हुई है, जिसे डिलीवरी के लिए बिरगांव सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में भर्ती कराया गया था। बच्ची के जन्म के साथ परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन यह खुशी अधिक देर तक टिक नहीं सकी।
परिजनों के अनुसार, डिलीवरी के लगभग छह से सात घंटे बाद साक्षी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। देर रात जब उन्होंने मदद के लिए अस्पताल स्टाफ को बुलाने की कोशिश की, तो पता चला कि अस्पताल में कोई महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि उसी दिन तीन डिलीवरी और तीन नसबंदी के केस होने के बावजूद अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर था और न ही कोई ज़िम्मेदार अधिकारी।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में सिर्फ एक पुरुष स्टाफ नर्स मौजूद था, जो उस समय कमरे का दरवाजा बंद करके सो रहा था। जब साक्षी की हालत गंभीर हो गई, तब उसे पानी पिलाने की कोशिश की गई, जिससे संभवतः पानी सांस की नली में चला गया। इसके बाद एक इंजेक्शन दिया गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और मात्र दस मिनट के भीतर साक्षी ने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह मामला अब स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला प्रशासन की निगरानी में आ गया है।
इस मामले में परिजनों ने स्वास्थ्यकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाये हैं। स्वास्थ्य आयुक्त के निर्देश पर सीएमएचओ रायपुर ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित की है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव वोहरा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ निर्मला यादव, एनेस्थिसिया विशेषज्ञ चंद्रा राव और नोडल अफसर मातृत्व शाखा डॉ प्रीति नारायण की चार सदस्यीय टीम बनायी गयी है। सभी को 3 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सीएमएचओ को देने को कहा गया है।

डॉक्टरों की अनुपस्थिति और असमय इलाज न मिलने से एक नवजात ने जन्म के साथ ही मां को खो दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है अब देखना ये है आगे इस मामले में क्या न्याय मिल पायेगा ।