क्राइमछत्तीसगढ़

Durg Minor Rape Murder Case: सुप्रीम कोर्ट के वकील मासूम को न्याय दिलाने के लिए करेंगे मुकदमे की पैरवी, फीस जन सहयोग से जुटाई जाएगी, आरोपी को सजा दिलाने के लिए SP ने बनाई SIT

Durg Minor Rape Murder Case: रामनवमी के दिन दुर्ग जिले में एक ऐसी दर्दनाक घटना हुई, जिसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस जघन्य अपराध को बच्ची के चाचा ने ही अंजाम दिया, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश को आक्रोशित कर दिया है। हर कोई आरोपी को जल्द और सख्त सजा देने की मांग कर रहा है। दुर्ग बार एसोसिएशन ने आरोपी का केस नहीं लड़ने का संकल्प लिया है, जबकि स्थानीय यादव समाज ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का वह पूरा प्रयास करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के वकील करेंगे पैरवी, फीस के लिए जन सहयोग से उठेगा खर्च

इस जघन्य अपराध के बाद एक सकारात्मक पहल सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के पांच वकीलों का पैनल दुर्ग आकर इस केस की पैरवी करेगा। वहीं, दुर्ग बार एसोसिएशन के वकील इस केस को बिना किसी फीस के लड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की फीस का खर्च जन सहयोग से उठाया जाएगा। भाजपा विधायक रिकेश सेन ने बताया कि इस मामले पर बांसुरी स्वराज से बातचीत की गई है, ताकि जन सहयोग से इस केस को सही तरीके से लड़ा जा सके।

पीड़िता की मां का बयान, मुआवजा ठुकराया

पीड़िता की मां ने इस मामले में नया मोड़ लिया है। उन्होंने आरोपी सोमेश यादव को निर्दोष बताया, जबकि पुलिस ने पीड़िता के चाचा को मुख्य आरोपी बना दिया है। इसके अलावा, कलेक्टर अभिजीत सिंह ने परिवार को ढाई लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे परिवार ने ठुकरा दिया। परिवार का कहना है कि उन्हें पैसे नहीं, बल्कि न्याय चाहिए। वे चाहते हैं कि असली आरोपी को सजा मिले और उन्हें सच्चा न्याय मिले।

दुर्ग पुलिस ने SIT का गठन किया, फास्ट ट्रैक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू

इस मामले में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच करेगा और फास्ट ट्रैक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगा। SIT की टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्मश्री तंवर के नेतृत्व में मोहन नगर थाना प्रभारी शिव प्रसाद चंद्रा, महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक और अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में पोक्सो एक्ट समेत कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

क्या है पूरा मामला?

मामला दुर्ग जिले के मोहन नगर थाना क्षेत्र के उरला इलाके का है, जहां 6 साल की बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके परिवार ने दर्ज कराई थी। बच्ची रविवार को अपनी दादी के घर कन्या भोज के लिए गई थी, लेकिन बाद में वह घर नहीं लौटी। पुलिस ने उसे तलाश करना शुरू किया, लेकिन शाम को ही बच्ची का शव एक कार के डिग्गी से बरामद हुआ। शव खून से सना हुआ था और बच्ची की हालत बहुत खराब थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

भीड़ ने संदेही के घर को आग के हवाले किया

वारदात के बाद परिवारवालों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और संदेही के घर तथा कार में तोड़फोड़ की। पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें बच्ची का चाचा भी था। पूछताछ के दौरान यह पता चला कि बच्ची के चाचा ने ही इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया। फिलहाल पुलिस आरोपी को रिमांड में लेकर उससे पूछताछ कर रही है।

आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में तेजी, SIT का गठन

दुर्ग पुलिस द्वारा गठित SIT अब इस मामले में तेजी से काम कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे समाज के अनुरूप न्याय दिलवाने के लिए कोर्ट से पूरी उम्मीद रखते हैं। इस मामले में चार्जशीट तैयार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल की जाएगी।

अब सबकी नजरें इस पर हैं कि आरोपी को जल्द न्याय मिलेगा या नहीं और क्या इस घिनौने अपराध का सही और कड़ा जवाब मिलेगा।

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