देशमनोरंजन

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को 60 साल की उम्र में महिला मोर्चा की कार्यकर्ता से हुआ प्यार, रचाएंगे शादी – सियासत के गलियारों से, प्यार की नई कहानी

BJP leader will get married at the age of 60: पश्चिम बंगाल बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष अब जिंदगी के उस मोड़ पर हैं, जहां उन्होंने शादी का फैसला किया है। दिलचस्प बात यह है कि ये फैसला उन्होंने 60 साल की उम्र में लिया है। उनकी दुल्हन बनने जा रही हैं पार्टी की ही महिला मोर्चा की कार्यकर्ता रिंकी मजूमदार, जिनकी उम्र 50 साल है। भाजपा नेता 60 साल की उम्र में रचाएंगे शादी

41 साल संघ से जुड़े, अब गृहस्थी की शुरुआत

दिलीप घोष का संघ से 1984 से जुड़ाव रहा है और अब तक वे अविवाहित रहे। लेकिन अब उन्होंने शादी करके गृहस्थ जीवन शुरू करने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि घोष ने यह कदम अपनी मां पुष्पलता घोष के कहने पर उठाया है, जो काफी समय से चाह रही थीं कि उनका बेटा घर बसाए।

कौन हैं रिंकी मजूमदार?

रिंकी तलाकशुदा हैं और उनका एक 25 साल का बेटा है, जो आईटी सेक्टर में काम करता है। वे बीजेपी महिला मोर्चा से जुड़ी हैं और पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं। दोनों की मुलाकात 2021 में एक पार्टी कार्यक्रम में हुई थी और धीरे-धीरे दोस्ती गहराई में तब्दील हो गई।

2024 में हार के बाद बढ़ी नजदीकियां

लोकसभा चुनाव 2024 में हार के बाद जब दिलीप घोष मानसिक रूप से टूटे हुए थे, तब रिंकी मजूमदार ने उन्हें सहारा दिया। उन्होंने ही शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे घोष ने पहले तो टाल दिया लेकिन बाद में मां की सलाह मानकर राज़ी हो गए।

‘क्या मैं शादी नहीं कर सकता?’ – दिलीप घोष

जब मीडिया ने उनसे इस बारे में सवाल किया, तो दिलीप घोष मुस्कुराए और बोले – “क्या मैं शादी नहीं कर सकता?” यही बात उनके रिश्ते पर मुहर बन गई और अब शुक्रवार को कोलकाता स्थित उनके आवास पर एक निजी समारोह में शादी होगी।

बीजेपी में खलबली, संघ में चर्चा

हालांकि दिलीप घोष के इस फैसले से बीजेपी के अंदर हलचल जरूर मची है। पार्टी के कुछ नेता और संघ के कुछ वरिष्ठों ने समय को लेकर चिंता जताई है, खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए। मगर घोष अपने फैसले पर अडिग हैं।

ब्रह्मचर्य से गृहस्थी तक – घोष का सफर

दिलीप घोष का ये निर्णय कई लोगों को चौंकाने वाला लग सकता है, लेकिन उनका कहना है कि जीवन के हर पड़ाव को जीना चाहिए। अब तक वे ब्रह्मचर्य का पालन करते रहे, लेकिन अब उन्होंने जीवन में नयापन लाने का फैसला किया है।

यह है राजनीति से हटकर एक मानवीय कहानी, जहां उम्र का कोई बंधन नहीं होता और रिश्ते वक्त देखकर नहीं बनते। दिलीप घोष की शादी सिर्फ एक निजी फैसला नहीं, बल्कि समाज और सियासत दोनों के लिए एक दिलचस्प मिसाल बन चुकी है।

Also Read: CG film Suhaag: मैग्नेटो मॉल में मुख्यमंत्री पहुंचे ‘सुहाग फिल्म’ देखने, बोले – छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों का सजीव चित्रण

दक्षिण कोसल का Whatsapp Group ज्वाइन करे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button