छत्तीसगढ़

CG Ration Shop: बंद हो जाएगा राशन दुकान, कर्मचारियों को आठ महीने से नहीं मिला वेतन

CG Ration Shop: छत्तीसगढ़ में राशन वितरण व्यवस्था इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रही है। राजधानी रायपुर समेत राज्य के कई जिलों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें आर्थिक तंगी की मार झेल रही हैं। वजह है—पिछले आठ महीने से राशन दुकान संचालकों को न तो मार्जिन मनी मिली है और न ही बारदाने का भुगतान हुआ है। इससे न केवल दुकानों का संचालन प्रभावित हो रहा है, बल्कि कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो गया है। अब हालात ऐसे बन गए हैं कि कई दुकानें बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। यह संकट सिर्फ दुकानदारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर राशनकार्डधारियों को मिलने वाले राशन पर भी पड़ने लगा है।

हर महीने बंटता है अनाज, पर पैसा नहीं पहुंचता

राज्य की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में हर महीने राशन यानी चावल, गेहूं, नमक वगैरह का आवंटन होता है। इस वितरण पर दुकानदारों को सरकार की तरफ से मार्जिन मनी और बारदाना खर्च मिलता है। इन दोनों को मिलाकर दुकानदारों को प्रति क्विंटल चावल पर लगभग 55 रुपए दिए जाते हैं। लेकिन वर्ष 2023-24 से लेकर 2024-25 तक की रकम अब तक नहीं दी गई है।

न कर्मचारी को पैसा, न संचालक को सुकून

स्थिति यह है कि राशन दुकान संचालक अब कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं। दुकान चलाने में उन्हें भारी दिक्कत हो रही है। आर्थिक तंगी इतनी बढ़ गई है कि कई संचालकों ने दुकान बंद करने का भी मन बना लिया है। इसका सीधा असर राशन वितरण पर पड़ रहा है, और आम जनता को भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

संचालक संघ ने की शिकायत, फिर भी समाधान नहीं

छत्तीसगढ़ पीडीएस संचालक संघ के अध्यक्ष नरेश बाफना और अन्य पदाधिकारियों ने इस पूरे मामले की शिकायत खाद्य विभाग के संचालक से की है। उन्होंने साफ कहा कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ, तो पूरे सिस्टम पर असर पड़ेगा।

सवाल ये है कि आठ महीने से फंसा पैसा आखिर कहां अटका है?

राज्य सरकार का दावा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को मजबूत और पारदर्शी बनाया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

सवाल उठता है कि जब हर महीने अनाज का वितरण हो रहा है, तो फिर उसका मेहनताना देने में इतनी देर क्यों?

राशन व्यवस्था पर असर साफ दिख रहा है

दुकानें समय पर नहीं खुल रही हैं, कर्मचारी गायब रहते हैं और वितरण में देरी हो रही है। ये सब उसी लेट पेमेंट की देन है, जो अब राशन जैसी जरूरी सेवा को भी संकट में डाल रहा है।

सरकार को जागना होगा, नहीं तो सिस्टम लड़खड़ा जाएगा

अगर जल्द से जल्द मार्जिन मनी और बारदाने का भुगतान नहीं हुआ, तो राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली चरमरा सकती है। जरूरी है कि सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता में रखे और दुकान संचालकों की मांगों को गंभीरता से सुने।

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