New Government Polytechnic Kurud: विधायक अजय चंद्राकर की पहल से कुरूद बन रहा शिक्षा का हब, नवीन पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए AICTE की मिली मंजूरी

New Government Polytechnic Kurud: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का कुरूद अब शिक्षा के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल करने की राह पर है। कुरूद विधानसभा के विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की निरंतर प्रयास से क्षेत्र को शिक्षा का हब बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उनकी दूरदर्शी पहल और समर्पण से कुरूद में शैक्षणिक बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा है, इसी कड़ी में कुरुद के लिए अब तकनीकी शिक्षा का एक नया द्वार खुल गया है। नवीन शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, कुरूद को AICTE (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) से मंज़ूरी मिल गई है।
यह मंज़ूरी 2025-26 शैक्षणिक सत्र से लागू होगी, इस साल से यहां छात्रों का दाख़िला शुरू हो जाएगा। यह कॉलेज कुरूद के Old Girls Hostel परिसर, नहर रोड में खोला जा रहा है और इसके संचालन की जिम्मेदारी सीधे राज्य सरकार के पास होगी। यह मंज़ूरी छत्तीसगढ़ में ग्रामीण व पिछड़े इलाकों में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस कॉलेज से न केवल स्थानीय युवाओं को तकनीकी शिक्षा मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
भीड़ से हटकर कुछ नया, 4 डिप्लोमा कोर्स जो बदल देंगे करियर की दिशा
AICTE से इस कॉलेज को फिलहाल चार डिप्लोमा कोर्सों के संचालन की मंजूरी मिली है। हर कोर्स में 60 सीटें निर्धारित की गई हैं।
- Biomedical Instrumentation – मेडिकल उपकरणों से जुड़ी टेक्नोलॉजी का गहरा अध्ययन।
- Cement Technology – सीमेंट निर्माण, जांच और उसकी तकनीकी प्रक्रिया से जुड़ा डिप्लोमा।
- Computer Science and Engineering (CSE) – आज के डिजिटल दौर का सबसे डिमांडिंग कोर्स।
- Mining and Mine Surveying – खनन और सर्वे से जुड़े तकनीकी ज्ञान की पढ़ाई।
AICTE से मिली मंजूरी-

आधुनिक शिक्षा के ज़रिए स्थानीय प्रतिभा को मिलेगा मंच
शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कुरूद की शुरुआत से यह साफ़ हो गया है कि छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा को लेकर सरकार और जनप्रतिनिधि दोनों गंभीर हैं। यह संस्थान न केवल शिक्षा का केंद्र बनेगा, बल्कि इससे आर्थिक, सामाजिक और व्यावसायिक विकास की नई राह भी खुलेगी। इस कॉलेज के ज़रिए युवाओं को उनके घर के नज़दीक ही आधुनिक तकनीकी ज्ञान मिलेगा, जिससे उन्हें न केवल देश बल्कि विदेशों में भी रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकते हैं। इससे क्षेत्र में ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन) की समस्या भी कम होगी और स्थानीय टैलेंट का सही उपयोग हो सकेगा।
जब किसी क्षेत्र में तकनीकी संस्थान खुलता है, तो वहाँ इंडस्ट्री पार्टनरशिप, स्टार्टअप्स, ट्रेनिंग वर्कशॉप और इनोवेशन हब जैसी गतिविधियाँ भी जन्म लेती हैं। यह संस्थान भविष्य में स्थानीय उद्योगों के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करेगा, जिससे क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को सीधा लाभ होगा। छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के साथ-साथ यहाँ आधुनिक लैब, डिजिटल क्लासरूम और इंडस्ट्री विज़िट जैसे अवसर भी मिलेंगे, जिससे उनकी हैंड्स-ऑन स्किल्स मज़बूत होंगी और वो टेक्नोलॉजी की दुनिया में आत्मनिर्भर बनेंगे। आने वाले कुछ वर्षों में कुरूद का नाम तकनीकी शिक्षा के नक्शे पर एक मजबूत पहचान के तौर पर दर्ज होगा। यह कॉलेज न केवल डिप्लोमा देने वाला संस्थान होगा, बल्कि यह भविष्य के इंजीनियरों, टेक्नोक्रैट्स और इनोवेटर्स की नर्सरी साबित हो सकता है।
शिक्षा की राह पर तेज़ी से बढ़ता कुरूद
इस संस्थान के शुरू होने से पहले ही कुरूद में कई शासकीय एवं निजी शिक्षण संस्थान सक्रिय हैं। अब पॉलिटेक्निक कॉलेज के जुड़ने से यह इलाका धीरे-धीरे एक “Education City” का रूप लेता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब गांवों और छोटे कस्बों के छात्र-छात्राओं को शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। उन्हें अपने ही घर के पास गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा मिलेगी।
कुरूद में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे ये बदलाव स्थानीय युवाओं के लिए नई उम्मीदें जगा रहे हैं। पॉलिटेक्निक कॉलेज, बी B.A. LLB कॉलेज, स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, कृषि महाविद्यालय, पीएम श्री स्कूल एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के विस्तार से न केवल शिक्षा का स्तर ऊँचा होगा, बल्कि तकनीकी, कानून, स्वास्थ्य और व्यावसायिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अजय चंद्राकर का कहना है कि शिक्षा ही वह हथियार है, जो कुरूद के युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएगा।
स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
Government Polytechnic Kurud: का खुलना केवल शिक्षा की दृष्टि से नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा अवसर है। अब क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, और साथ ही, स्थानीय स्तर पर रोज़गार के नए दरवाज़े भी खुलेंगे। कॉलेज के संचालन के लिए शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ की भर्ती की जाएगी, जिससे शिक्षित बेरोज़गार युवाओं को नौकरी का मौका मिलेगा। लेक्चरर से लेकर क्लर्क, लाइब्रेरियन से लेकर लैब असिस्टेंट तक—हर स्तर पर नियुक्तियाँ होंगी।
सिर्फ कॉलेज ही नहीं, कॉलेज के आसपास भी एक छोटा इकोनॉमिक इकोसिस्टम खड़ा होगा। सोचिए, सैकड़ों छात्र आएंगे तो उन्हें रहने के लिए पीजी और किराये के मकान, खाने के लिए ढाबे, फूड स्टॉल, ज़रूरतों के लिए किराना दुकानों और स्टेशनरी की भी ज़रूरत होगी। इससे स्थानीय छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को भी सीधा फायदा मिलेगा।आगे चलकर, जब यहां इंडस्ट्री पार्टनरशिप्स, गेस्ट लेक्चर और ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होंगे, तो छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट के ज़रिए कंपनियों में सीधे नौकरी पाने के मौके भी मिलेंगे।
यह कॉलेज न केवल ज्ञान देगा, बल्कि स्थानीय विकास, आत्मनिर्भरता और रोजगार का भी एक मजबूत ज़रिया बनेगा।
क्षेत्रवासियों का सहयोग और भविष्य की योजनाएँ
अजय चंद्राकर ने क्षेत्रवासियों के सहयोग की सराहना की और कहा कि यह सामूहिक प्रयास ही कुरूद को शिक्षा का हब बनाने में मदद करेगा। भविष्य में और भी शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और मौजूदा स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना है। ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड जैसे केंद्रीय पहलों को लागू करने की दिशा में भी काम चल रहा है।
अजय चंद्राकर के प्रयासों से कुरूद बन रहा शिक्षा का हब
Kurud Education Hub: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का कुरूद अब शिक्षा के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल करने की राह पर है। कुरूद विधानसभा के पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर की निरंतर प्रयास से इस क्षेत्र को शिक्षा का हब बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उनकी दूरदर्शी पहल और समर्पण से कुरूद में शैक्षणिक बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा है, जो नई पीढ़ी के लिए ज्ञान और अवसरों का द्वार खोल रहा है। आइए, जानते हैं कैसे अजय चंद्राकर की कोशिशें कुरूद को शिक्षा का नया केंद्र बना रही हैं।