छत्तीसगढ़

CG Teacher Yuktiyuktikaran: बिना प्रमोशन युक्तियुक्तकरण नहीं चलेगा! फेडरेशन ने सरकार से जताई तीखी नाराजगी, स्कूलों के सेटअप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं

रायपुर। CG Teacher Yuktiyuktikaran: छत्तीसगढ़ के शिक्षक संगठनों में एक बार फिर उबाल है। वजह वही पुरानी — युक्तियुक्तकरण की नीति। सरकार ने बिना किसी पूर्व सलाह या सूचना के एक बार फिर शिक्षा सत्र के आख़िरी दौर में इस नीति को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है, जिससे सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन बुरी तरह भड़क उठा है।

मनीष मिश्रा का सख्त रुख: सेटअप से छेड़छाड़ मंजूर नहीं!

फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने सरकार को दो टूक कह दिया है कि 2008 के सेटअप में छेड़छाड़ शिक्षा व्यवस्था के लिए “आत्मघाती कदम” साबित होगा। मिश्रा का कहना है कि सरकार को पहले ही युक्तियुक्तकरण के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन इसके बावजूद हठधर्मी तरीके से इसे थोपने की कोशिश हो रही है।

“स्कूलों के सेटअप से छेड़छाड़ अनुचित” : वीरेंद्र दुबे

वही शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों के मौजूदा सेटअप से अनुचित छेड़छाड़ की जा रही है। शिक्षकविहीन व एकल शिक्षक शालाओं में शिक्षकों की आवश्यकता को वे स्वीकार करते हैं, परंतु प्राथमिक शालाओं में पाँच अलग-अलग कक्षाओं के लिए सिर्फ प्रधानपाठक और एक शिक्षक छोड़ देना शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

सरकार भूल गई अपना वादा?

पिछले साल जब युक्तियुक्तकरण की बात उठी थी, तब प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों ने सड़कों पर उतर कर इसका जोरदार विरोध किया था। तब सरकार ने साफ-साफ कहा था कि “अब बिना परामर्श के कोई फैसला नहीं लिया जाएगा।” अब उसी को वापस लाने की कोशिश हो रही है, वह भी बिना किसी बातचीत या सुझाव के।

बिना प्रमोशन युक्तियुक्तकरण? ये तो नाइंसाफी है!

मनीष मिश्रा का साफ कहना है कि अगर सरकार ने पदोन्नति प्रक्रिया पूरी किए बगैर युक्तियुक्तकरण लागू किया, तो “जबरदस्त विरोध” होगा। उन्होंने इसे पूरी तरह अव्यवहारिक और गैर-जिम्मेदाराना निर्णय बताया है।

शिक्षा के साथ मज़ाक

फेडरेशन का मानना है कि इस तरह के फैसले से शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। शिक्षकों का मनोबल गिरेगा और बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। मिश्रा का कहना है कि सरकार शिक्षकों को परेशान करने में लगी है, जबकि उन्हें सहयोग की ज़रूरत है।

अब आगे क्या?

शिक्षक संगठनों की तरफ से संकेत दिए गए हैं कि अगर सरकार ने अपनी जिद नहीं छोड़ी, तो जल्द ही राज्यव्यापी आंदोलन हो सकता है। मिश्रा ने साफ कहा, “जब तक प्रमोशन नहीं, तब तक युक्तियुक्तकरण नहीं।”

संघ की सरकार से मांग

प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा, बसंत कौशिक, कौशल अवस्थी सीडी भट्ट, सुरजीत चौहान पुरुषोत्तम झाड़ी ,आदित्य गौरव साहू, रंजीत बनर्जी, कृष्ण वर्मा, शेषनाथ पांडे, राजकुमार यादव, तरुण वैष्णव, अश्वनी कुर्रे, खिलेश्वरी शांडिल्य, रीता भगत, उषा चंद्राकर, सिराज बक्श, ईश्वर चंद्राकर, राजू टंडन, राजेश प्रधान, राजाराम पटेल, रूपिका रानी मरकाम, महेश कुमार सेठी, गोकुल जायसवाल, छवि पटेल, रविंद्र कुमार गिरी, रामकृष्ण साहू, आलोक त्रिवेदी, अमित अवस्थी, संतोष यादव, मंजू देवांगन, संकीर्तन नन्द, विजेंद्र चौहान, बिहारी लाल बरेट, अभिजीत तिवारी, दिलीप लहरे, मिलन साहू, नीलम वर्मा, संजय कुमार यादव, नोहर चंद्र, मेघराज साहू, दुर्गा वर्मा, हूलेश चंद्राकर ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है।

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