Krishi Sankalp Abhiyan: छत्तीसगढ़ के भैंसा से हुई ‘कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत, 110 लोगों को PM आवास की मिली चाबी, खुलेगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पुलिस चौकी

रायपुर: Krishi Sankalp Abhiyan: राज्य में सुशासन और विकास की रफ्तार को और तेज़ करने के मकसद से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज ग्राम भैंसा पहुंचे, जहाँ उन्होंने सुशासन शिविर में हिस्सा लिया और कई अहम घोषणाएं कीं। इस मौके पर उन्होंने देशभर में 29 मई से 12 जून तक चलने वाले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
वैज्ञानिक खेतों में उतरेंगे, किसानों से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि यह अभियान किसानों तक वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीक पहुंचाने की दिशा में एक अहम पहल है।
इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कृषि वैज्ञानिक टीम बनाकर सीधे खेतों में जाएंगे, किसानों को उन्नत, संतुलित और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की जानकारी देंगे और उनकी समस्याएं भी सुनेंगे।
इस दौरान राज्य के 13 लाख से ज्यादा किसानों से सीधे संपर्क करने का लक्ष्य रखा गया है। यानी अब कृषि केवल कागजों और प्रयोगशालाओं में नहीं, ज़मीन पर लागू होती दिखेगी।
पीएम आवास की चाबी और बहनों को वंदन
शिविर में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 110 पक्के मकानों की चाबियाँ हितग्राहियों को सौंपीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का हर गरीब पक्के घर में रहे।
इसी दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार अब तक 18 लाख से ज्यादा आवास स्वीकृत कर चुकी है। इनमें से अधिकांश पूरे हो चुके हैं और बाकी काम चालू है। उन्होंने यह भी बताया कि ‘आवास प्लस प्लस’ योजना के तहत बाकी पात्र लोगों को भी जोड़ा जाएगा।
साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘महतारी वंदन योजना’ का ज़िक्र करते हुए बताया कि राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में हर महीने ₹1000 ट्रांसफर किया जा रहा है। जो महिलाएं अब तक इस योजना से नहीं जुड़ पाई हैं, उन्हें भी जल्द ही जोड़ा जाएगा।
भैंसा को मिली पुलिस चौकी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
शिविर के दौरान मुख्यमंत्री ने भैंसा गांव के लिए दो बड़ी सौगातें भी दीं—
👉 एक नई पुलिस चौकी, ताकि गांव में कानून-व्यवस्था और मजबूत हो।
👉 और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिससे गांववालों को इलाज के लिए दूर भटकना न पड़े।
तो कुल मिलाकर, भैंसा से शुरू हुआ यह अभियान सिर्फ खेत-खलिहानों की बात नहीं कर रहा, बल्कि गरीबों के घर, बहनों की जेब और गांव की सुरक्षा—तीनों को साथ लेकर चल रहा है।
अब देखना ये है कि ‘विकसित भारत’ का ये मॉडल गांवों की तस्वीर कितनी जल्दी बदलता है।