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Kanya Pujan Muhurat: नवरात्रि 2025: अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन का महत्व और शुभ मुहूर्त, जानिए किस उम्र की हो कन्या

Kanya Pujan Muhurat: नवरात्रि के अवसर पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन कन्याओं को पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को उनकी कृपा से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से अष्टमी और नवमी तिथियों पर कन्या पूजन का अत्यधिक महत्व माना जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 5 अप्रैल 2025, शनिवार और नवमी तिथि 6 अप्रैल 2025, रविवार को है।

महाष्टमी पर कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त

Ashtami and Navami Kanya Pujan Muhurat 2025: नवरात्रि की अष्टमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा के आशीर्वाद के लिए कन्याओं की पूजा की जाती है। इस दिन के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

  • अभिजित मुहूर्त: 11:59 AM से 12:49 PM
  • विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:20 PM

राम नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

Ram Navami 2025: राम नवमी के दिन, विशेष रूप से रवि पुष्य योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बनता है, जिससे कन्या पूजन के लिए पूरा दिन अत्यंत शुभ रहता है। यहां राम नवमी के दिन कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दिए गए हैं:

  • अभिजित मुहूर्त: 11:58 AM से 12:49 PM
  • चर – सामान्य: 07:40 AM से 09:15 AM
  • लाभ – उन्नति: 09:15 AM से 10:49 AM
  • अमृत – सर्वोत्तम: 10:49 AM से 12:24 PM

कन्या पूजन में कितनी कन्या होनी चाहिए?

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन की परंपरा बहुत पुरानी है और यह आमतौर पर नौ दिनों तक किया जाता है। हालांकि, अष्टमी और नवमी तिथियों पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्याओं की संख्या 1 से लेकर 9 तक हो सकती है। हिंदू धर्म के अनुसार, जितनी ज्यादा कन्याओं की पूजा की जाती है, उतना ही अधिक फल प्राप्त होता है।

कन्या पूजन के अनुसार, प्रत्येक संख्या का फल निम्नलिखित है:

  • 1 कन्या: ऐश्वर्य की प्राप्ति
  • 2 कन्याएं: भोग की प्राप्ति
  • 3 कन्याएं: पुरुषार्थ में सफलता
  • 4 या 6 कन्याएं: बुद्धि और विद्या की प्राप्ति
  • 6 कन्याएं: सफलता की प्राप्ति
  • 7 कन्याएं: परमपद की प्राप्ति
  • 8 कन्याएं: अष्टलक्ष्मी की प्राप्ति
  • 9 कन्याएं: सभी ऐश्वर्य की प्राप्ति

किस उम्र की हो कन्या?

कन्या पूजन में आमतौर पर 2 साल से 10 साल तक की कन्याओं को शामिल किया जाता है। हिंदू धर्म में प्रत्येक आयु वर्ग की कन्या को मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप के रूप में पूजा जाता है, और उनकी पूजा से विभिन्न प्रकार के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।

इस नवरात्रि, आप भी अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ कन्या पूजन करें और मां दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करें।

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