
दुर्ग:छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 6 साल की एक बच्ची के साथ उसके चाचा द्वारा रेप और हत्या का मामला सामने आया है। इस घिनौनी वारदात ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। कांग्रेस ने प्रदेशभर में प्रदर्शन करते हुए गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है, वहीं वकीलों ने आरोपी की पैरवी न करने का फैसला किया है।
क्या हुआ था? घटना की पूरी कहानी
6 साल की मासूम रविवार सुबह अपनी दादी के घर कन्या भोज में शामिल होने गई थी। इस दौरान, जब दादी और अन्य रिश्तेदार ग्राउंड फ्लोर पर पूजा में व्यस्त थे, आरोपी चाचा ने पहली मंजिल पर बच्ची का रेप किया और उसकी हत्या कर दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शॉकिंग खुलासे हुए हैं। बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर सिगरेट के जलने के निशान और इलेक्ट्रिक शॉक देने के संकेत मिले हैं।
लाश को आरोपी ने घर के बाहर खड़ी कार की डिक्की में छिपा दिया था। शाम 7:30 बजे परिजनों ने खून से लथपथ बच्ची को कार के पिछले हिस्से में पाया। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे और चमड़ी उधड़ी हुई थी।
पुलिस ने चाचा को किया गिरफ्तार, टेक्निकल सबूतों ने पकड़ाए पक्के सबूत
ASP सुखनंदन राठौर के मुताबिक, शुरुआत में 5 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, लेकिन पूछताछ और फॉरेंसिक जांच के बाद चाचा का अपराध साबित हुआ। आरोपी ने कार में लाश छिपाने की योजना इसलिए बनाई, क्योंकि उसे पता था कि कार का एक दरवाजा खुला रहता है। पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर और पूछताछ जारी रखी है।
कांग्रेस का बवाल: घटना स्थल से सड़क तक प्रदर्शन
कांग्रेस ने इस मामले को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू किए हैं। रायपुर में कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर न्याय की मांग की, वहीं भिलाई में गृहमंत्री के इस्तीफे के नारे लगे। पार्टी ने 5 सदस्यीय जांच टीम भी बनाई है, जो पीड़िता के परिजनों और स्थानीय लोगों से बात कर रिपोर्ट तैयार करेगी। टीम में बालोद विधायक संगीता सिन्हा शामिल हैं।
वकीलों ने लिया ऐतिहासिक फैसला: “नहीं लड़ेंगे आरोपी का केस”
दुर्ग जिला अधिवक्ता संघ ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि कोई भी वकील इस मामले में आरोपी की पैरवी नहीं करेगा। संघ के प्रवक्ता ने कहा, “ऐसे जघन्य अपराध में आरोपी को कानूनी सहायता देना हमारी नैतिकता के खिलाफ है।”
आक्रोशित लोगों ने संदिग्ध के घर पर लगाई आग
घटना की खबर फैलते ही गुस्साए लोगों ने आरोपी के घर और उसकी कार को निशाना बनाया। देर रात तक हंगामा हुआ और पुलिस को भीड़ को काबू करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहीं, अस्पताल में बच्ची की लाश को लेकर परिजनों का रोष देखने लायक था।
फिलहाल, पुलिस मामले में आरोप पत्र तैयार कर रही है। सवाल यह है कि क्या इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी और मासूम को कब तक मिलेगा इंसाफ?
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