
रायपुर। Kawasi Lakhma: शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के नखरे जेल प्रशासन के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। दिन-ब-दिन उनकी नई-नई मांगों और सुविधाओं के चलते जेलकर्मी खासे परेशान हैं। सूत्रों के मुताबिक लखमा की लंबी मांगों की सूची में शराब, मुर्गा, मछली, तंबाखू, खैनी, और यहां तक कि आराम फरमाने के लिए गद्दे जैसी चीजें शामिल हैं। अब ये सब जेल प्रशासन के लिए बड़ा चुनौती बन चुका है, क्योंकि लखमा की हर मांग को पूरा करने में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
नियमों की धज्जियां उड़ा रहे लखमा
लखमा की मांगों में कोई कमी नहीं है। वे कभी भोजन में दारू की मांग करते हैं, तो कभी तंबाखू और मुर्गा का नाश्ता चाहते हैं। जेल प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है क्योंकि उन्हें हर बार लखमा के इन नखरों को सहना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते से लखमा के व्यवहार में भी बदलाव देखा गया है। वह अब चिड़चिड़े नजर आ रहे हैं और कई बार तो जेलकर्मियों पर अपना गुस्सा भी निकालते हैं।
समझाने की कोशिश में विधायक देवेंद्र यादव
लखमा जिस सेल में बंद हैं, उसी सेल में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव भी बंद हैं। यादव लखमा को समझाने की कोशिश करते रहते हैं, उन्हें धैर्य रखने की सलाह देते हैं, लेकिन लखमा का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। इसके बावजूद, वह अपनी मांगों से पीछे नहीं हट रहे हैं।
स्वास्थ्य कारणों का दबाव भी बना रहे हैं
लखमा ने जेल से अस्पताल ट्रांसफर करने का दबाव भी बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि, जेल अस्पताल में उनका लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और उन्हें इलाज भी दिया जा रहा है। बावजूद इसके, उनकी जिद और मांगों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
क्या कहते हैं जेल अधिकारी?
इस स्थिति को देखकर जेल प्रशासन भी हैरान है। प्रशासन ने लखमा को नियम-कायदों का हवाला देते हुए साफ तौर पर कहा है कि उनकी मांगें पूरी नहीं की जा सकतीं। लखमा की लंबी फेहरिस्त ने जेल प्रशासन के हाथ खड़े कर दिए हैं, और अब यह देखना बाकी है कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।
पूर्व मंत्री कवासी लखमा को मको की विशेष कोर्ट ने 4 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। 15 जनवरी को शराब घोटाले में उनकी गिरफ्तारी के बाद से वे जेल में बंद हैं, और अब उनकी नखरों और जिद के कारण जेल प्रशासन की स्थिति दयनीय हो गई है।