छत्तीसगढ़ की नई धमनी बनेगी खरसिया-परमालकसा 5वीं-6वीं रेल लाइन, मिलेगा बंपर रोजगार: रेल मंत्री वैष्णव, CM साय ने बताया ऐतिहासिक कदम

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रेलवे नेटवर्क को नया आकार देने वाली खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को रेल भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उनका कहना था कि यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को नई दिशा देगा। इस परियोजना की लागत 8741 करोड़ रुपये तय की गई है, और इससे राज्य के हर कोने को एक छोर से दूसरे छोर तक जोड़ने का रास्ता खुलेगा।
रेल मंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि खरसिया-परमलकसा 5वीं-6वीं रेल लाइन राज्य में रेल नेटवर्क की नई धमनी साबित होगी। यह परियोजना ओडिशा की सीमा से लेकर महाराष्ट्र की सीमा तक रेल संपर्क प्रदान करेगी। इस रेल लाइन के निर्माण से रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, बलौदा बाजार, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे महत्वपूर्ण जिलों में विकास के नए अवसर खुलेंगे।
परियोजना के प्रमुख फीचर्स
इस रेल परियोजना के तहत 21 स्टेशन बनाए जाएंगे, साथ ही 48 बड़े पुल, 349 माइनर पुल, 14 फ्लाईओवर और 184 अंडरपास का निर्माण होगा। इसके अलावा स्थानीय सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 5 रेल फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे। कुल मिलाकर, 278 किलोमीटर लंबे रूट में 615 किलोमीटर लंबी पटरियां बिछाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट के तहत 8 से ज्यादा मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन होगा।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि इस नेटवर्क के निर्माण से करीब 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी, जिससे रेलवे को लगभग 2500 करोड़ रुपये की डीजल बचत का फायदा मिलेगा।

संस्कृति और उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
इस रेल परियोजना का एक और अहम पहलू यह है कि इससे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े इलाके भी जुड़ेंगे। खासकर कोसा सिल्क उत्पादन क्षेत्र को रेल संपर्क मिलेगा, जिससे स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही बलौदा बाजार और खरसिया जैसे सीमेंट उत्पादन के बड़े केंद्र भी इस नेटवर्क से जुड़ेंगे, जिससे इन इलाकों में औद्योगिक विकास होगा।
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह परियोजना न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने भगवान राम के वनवास के दौरान माता शबरी से जुड़े लक्ष्मी नारायण मंदिर का उल्लेख करते हुए बताया कि यह रेल नेटवर्क इस ऐतिहासिक स्थल को भी जोड़ने का काम करेगा।
रोजगार के बम्पर अवसर
इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ मानव दिवस के रोजगार सृजन का अनुमान है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह परियोजना राज्य के विकास को नई गति देगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का धन्यवाद करते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, और उद्योगों को भी मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद
मुख्यमंत्री साय ने इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से रायपुर का संपर्क मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों से और मजबूत होगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने भी इस परियोजना के लिए खुशी जताते हुए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।
रेलवे नेटवर्क में अभूतपूर्व गति
रेल मंत्री ने छत्तीसगढ़ में रेलवे के काम में अभूतपूर्व तेजी की ओर भी इशारा किया। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से राज्य में रेलवे के निवेश में 22 गुना वृद्धि हुई है। इस दौरान 1125 किलोमीटर नए ट्रैक बनाए गए हैं, जो दुबई के पूरे रेलवे नेटवर्क से भी ज्यादा हैं।
राज्य में रेलवे नेटवर्क के विकास के लिए 47 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है, और 32 स्टेशनों का पुनर्निर्माण हो रहा है, जिनमें से कई इस साल के अंत तक पूरा हो जाएंगे।
यह खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी, जिससे न सिर्फ रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि राज्य में विकास और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।