Sushasan Tihar: धमतरी जिला आवेदनों के निराकरण में प्रदेश में नंबर वन, गांव-गांव में सुनवाई, हर शिकायत का हल, CM साय खुद जा रहें जनता के बीच पहुंचकर, ‘सुशासन तिहार’ बना भरोसे का त्योहार

रायपुर। Sushasan Tihar: छत्तीसगढ़ में इन दिनों सिर्फ सरकारी योजनाओं की बात नहीं हो रही, बल्कि जनता की आवाज सीधे सरकार तक पहुंच रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुआई में चल रहा ‘सुशासन तिहार’ अब सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोगों की उम्मीदों का उत्सव बन गया है। गांवों से लेकर कस्बों तक अधिकारी फील्ड में हैं, शिकायतें सुन रहे हैं और मौके पर ही हल कर रहे हैं।
हेलिकॉप्टर से गांव-गांव में सीएम, समाधान शिविरों में सीधी सुनवाई
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खुद पीछे नहीं हैं। वे हेलिकॉप्टर से गांवों का औचक दौरा कर रहे हैं, समाधान शिविरों में आम लोगों से मिल रहे हैं, उनकी बात सुन रहे हैं और तुरंत अफसरों को एक्शन के आदेश दे रहे हैं। इसका नतीजा ये है कि सरकार अब फाइलों में नहीं, ज़मीन पर दिख रही है।
40 लाख से ज्यादा आवेदन, धमतरी बना सबसे तेज हल करने वाला जिला
अब तक 40 लाख 95 हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा फुर्ती दिखाई है धमतरी जिले ने, जहां 2 लाख 28 हजार से ज्यादा मामलों में से 99.38% का समाधान हो चुका है। यानी धमतरी ने पूरे प्रदेश में पहला नंबर मारा है।
किस जिले ने कितना किया काम?
धमतरी के अलावा महासमुंद, सक्ति, बालोद, रायगढ़ और 9 और जिले 90% से ज्यादा मामलों का समाधान कर चुके हैं। वहीं गरियाबंद, बिलासपुर, राजनांदगांव जैसे जिलों ने 80-90% मामलों को निपटा दिया है। सुकमा, कोरबा, मनेंद्रगढ़ जैसे कुछ जिले थोड़े पीछे जरूर हैं, लेकिन कोशिश जारी है।
रायपुर को मिले सबसे ज्यादा आवेदन
शिकायतों की संख्या की बात करें तो सबसे आगे है रायपुर, जहां 3 लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं। उसके बाद बलौदाबाजार, फिर धमतरी, बिलासपुर और बस्तर का नंबर आता है। लेकिन हल करने के मामले में रायपुर उतना तेज़ नहीं रहा जितना धमतरी और महासमुंद।
कौन सी योजनाएं सबसे ज्यादा चर्चा में?
सबसे ज्यादा आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े थे — 10 लाख से भी ज्यादा। इनमें से 94.70% का समाधान किया जा चुका है। उज्ज्वला योजना और राशन कार्ड से जुड़े लाखों आवेदन भी निपटा दिए गए हैं।
शहरी इलाकों में सड़कों की हालत, पानी और सफाई को लेकर भी कई मांगें आईं।
कौन सा विभाग सबसे आगे?
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सबसे ज्यादा – 25 लाख 77 हजार आवेदन मिले।
- राजस्व, खाद्य और महिला-बाल विकास विभाग को भी लाखों आवेदन मिले।
- हल करने की रफ्तार में महिला और बाल विकास विभाग सबसे आगे है।
समाधान की ये स्पीड क्यों मायने रखती है?
क्योंकि ये कोई दिखावटी मुहिम नहीं है। ये सरकार और जनता के बीच भरोसे की सीधी डोर है। जब कोई ग्रामीण अपनी समस्या लेकर आता है और वहीं समाधान पाता है, तो उसे लगता है कि उसका वोट और आवाज दोनों की कीमत है।
सुशासन तिहार: नाम नहीं, भरोसे की गारंटी
‘सुशासन तिहार’ अब सिर्फ सरकारी कागजों की पहल नहीं, एक भरोसे का नाम बन चुका है। ये उस सोच को जमीन पर उतारने की कोशिश है जिसमें सरकार दफ्तरों में नहीं, सीधे जनता के बीच काम करती है।
मुख्यमंत्री साय की यही पहल छत्तीसगढ़ को जनभागीदारी पर आधारित एक उत्तरदायी शासन की ओर ले जा रही है। ये अभियान बता रहा है कि जब सरकार सुनती है, तो बदलाव दिखता है।