छत्तीसगढ़

सुशासन तिहार: “हम आपके सेवक हैं, समस्याएं बताइए” — सीएम विष्णुदेव साय ने जनचौपाल लगाकर जनता से ली सीधी फीडबैक

CG Sushasan Tihar: छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार 2025 का तीसरा चरण ज़ोरशोर से शुरू हो गया है। गर्मी तो चरम पर है, लेकिन इससे प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय खुद जनता के बीच पहुँच गए। सोमवार को कोरबा जिले के मदनपुर गांव में आयोजित समाधान शिविर में सीएम अचानक पहुंचे और वहाँ का पूरा माहौल ही बदल गया।

न कोई भव्य मंच, न दिखावा — पीपल के पेड़ के नीचे लगी चौपाल

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गांव के पीपल के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई, जहाँ उन्होंने लोगों से सीधे संवाद किया। मंच, माइक या सरकारी तामझाम नहीं, बस खाट पर बैठकर आम लोगों से एकदम देसी अंदाज़ में बातें कीं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम सरकार नहीं, आपके सेवक हैं। अपनी समस्याएं खुलकर बताइए, समाधान ज़रूर होगा।”

समाधान पेटी में डाले आवेदन और मौके पर हुआ फीडबैक

शिविर में आए ग्रामीणों ने समाधान पेटी में अपनी समस्याएं और शिकायतें डाली थीं। सीएम ने खुद उन आवेदनों की स्थिति देखी और अधिकारियों से जवाब मांगा। हर मुद्दे को गंभीरता से लिया गया — चाहे वह राशन कार्ड से जुड़ा हो, या ज़मीन के रिकॉर्ड से।

योजनाओं की हकीकत जानने निकले सीएम

मुख्यमंत्री ने बताया कि सुशासन तिहार कोई रस्म अदायगी नहीं, बल्कि इसका मकसद है – सरकार और जनता के बीच की दूरी मिटाना। उन्होंने कहा, “हम प्रदेश में कहीं भी बिना बताए पहुंचेंगे, ताकि जान सकें कि योजनाएं ज़मीन पर कैसे काम कर रही हैं।”

योजनाओं की झलक: क्या मिला, किसे मिला?

मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने अब तक:

  • 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी
  • 21 क्विंटल प्रति एकड़ का लक्ष्य
  • दो साल का लंबित बोनस भी दिया
  • 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ पहुंचाया
  • तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाकर 5500 रुपए प्रति बोरा की
  • रामलला दर्शन योजना के तहत 22,000 लोगों को दर्शन कराया
  • मुख्यमंत्री तीर्थ योजना फिर से शुरू की गई

पीएम आवास में भी आया बड़ा बदलाव

सीएम ने बताया कि अब पीएम आवास योजना के लिए नियम शिथिल किए गए हैं। जिनके पास दोपहिया वाहन है या कुछ जमीन है, वो भी अब इस योजना के पात्र होंगे। ये बदलाव गरीबों को मकान देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

अब गांवों में ही मिलेगा बैंक वाला काम

एक और बड़ी घोषणा थी – अटल डिजिटल सेवा केंद्र। अब गांवों में ही बैंकिंग सुविधा, दस्तावेज़, जाति प्रमाण पत्र जैसी सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों को शहर जैसी सुविधा देना हमारी प्राथमिकता है।

नामांतरण अब एक घंटे में!

सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के साथ नामांतरण प्रक्रिया को जोड़ा है, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और कोई अफसर चक्कर नहीं कटवा पाएगा। अब एक घंटे के भीतर नामांतरण संभव होगा।

डीएमएफ फंड से होंगे गांवों के विकास कार्य

कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि जिले में 1.78 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकतर का निराकरण हो चुका है। डीएमएफ फंड से विकास कार्यों को गति दी जा रही है।

योजनाओं से बदल रही है ज़िंदगी

मदनपुर की राजनंदिनी डोंगरे ने बताया कि पहले उनका घर मिट्टी का था, अब पीएम आवास से पक्का मकान बन गया। रमाबाई पैकरा ने महतारी वंदन योजना की राशि का उपयोग अपनी बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में किया। किसान कन्हैयालाल ने अपनी ज़मीन ऑनलाइन करने का अनुभव साझा किया और प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया।

अचानक पहुंचे सीएम, मंत्री भी रह गए हैरान

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि उन्हें खुद नहीं पता था कि मुख्यमंत्री यहां आएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस जमीनी दौरे को सरकार की प्रतिबद्धता बताया और कहा कि “हम सिर्फ एसी कमरों में बैठने वाले लोग नहीं हैं, ज़रूरत पड़ी तो धूप में भी आपके साथ खड़े मिलेंगे।”

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