ABVP ने राज्यपाल को लिखा पत्र, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्ति पर उठाए सवाल, रद्द करने की मांग, जानिए वजह…

रायपुर – Indira Kala Sangeet University: छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति डॉ. लवली शर्मा की ताजपोशी पर अब बवाल मच गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है और राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति को पत्र लिखकर इस नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है।
कुलपति के रूप में विवादों से घिरी रही हैं लवली शर्मा: ABVP
ABVP का कहना है कि डॉ. लवली शर्मा पहले मध्यप्रदेश के राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर में कुलपति के पद पर रह चुकी हैं। उस दौरान उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। परिषद का दावा है कि छात्राओं के यौन शोषण जैसी गंभीर घटनाएं भी उन्हीं के कार्यकाल में सामने आई थीं।
इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश शासन ने उनके कार्यकाल को समाप्त करने के लिए धारा 57 का इस्तेमाल किया था। ऐसे में ABVP का सवाल है कि जिस व्यक्ति को एक राज्य में कार्यकाल के बीच से हटाया गया, उसे छत्तीसगढ़ में कैसे फिर से कुलपति बना दिया गया?
जानबूझकर छुपाई गई जानकारी?
परिषद ने यह भी आरोप लगाया कि डॉ. लवली शर्मा ने कुलपति पद के लिए आवेदन करते वक्त अपने ऊपर लगे आरोपों और पुराने कार्यकाल की विवादित जानकारी को छुपाया। ऐसे में उनकी नियुक्ति पर पारदर्शिता और प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विश्वविद्यालय की गरिमा बचाने की अपील
ABVP का कहना है कि संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में देशभर में प्रसिद्ध इस विश्वविद्यालय की साख और गरिमा को बनाए रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर विश्वविद्यालय के शीर्ष पद पर कोई विवादित व्यक्ति बैठता है, तो इससे संस्थान की छवि पर दाग लग सकता है।
परिषद ने राज्यपाल से मांग की है कि विश्वविद्यालय की निष्पक्षता और गरिमा बनाए रखने के लिए इस नियुक्ति को तुरंत रद्द किया जाए और एक योग्य, निष्कलंक व्यक्ति को कुलपति नियुक्त किया जाए।
अब नजरें राज्यपाल के फैसले पर
ABVP की यह चिट्ठी अब राजनीतिक और शैक्षणिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। राज्यपाल की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल छात्र संगठन इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह मुखर है।
अगर मामला और तूल पकड़ता है तो आने वाले दिनों में संगीत विश्वविद्यालय का यह विवाद राज्य स्तर की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकता है।