छत्तीसगढ़

CG First IVF Center: मां बनने की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, राज्य का पहला IVF सेंटर बनेगा अंबेडकर अस्पताल

CG First IVF Center: अगर आप या आपके घर में कोई महिला लंबे समय से मां नहीं बन पा रही हैं, तो ये खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में जल्द ही सरकारी IVF सेंटर की शुरुआत होने जा रही है। अब महिलाओं को मां बनने के लिए लाखों रुपये खर्च कर प्राइवेट सेंटर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

सरकारी IVF सेंटर की मंजूरी, बजट भी फाइनल

Ambedkar Hospital Raipur: राज्य सरकार ने इस सेंटर के लिए पहले ही 10 करोड़ रुपये का बजट पास कर दिया है। ये सेंटर आंबेडकर अस्पताल के ऑब्स एंड गायनी विभाग में खुलेगा, जो मेडिकल कॉलेज से जुड़ा हुआ है। इस सेंटर के खुलते ही आम महिलाओं को IVF की सुविधा बेहद कम खर्च में मिल सकेगी।

अब नहीं देने होंगे लाखों रुपये, निजी सेंटर से राहत

इस समय IVF की सुविधा सिर्फ प्राइवेट क्लीनिकों में ही उपलब्ध है, जहां एक साइकिल IVF कराने में ही 1 से 2 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा खर्च हो जाता है। कई बार जरूरतमंद परिवार कर्ज लेकर इलाज करवाते हैं। मगर अब सरकारी IVF सेंटर खुलने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

हर महीने 75 से 100 महिलाएं पहुंचती हैं IVF की आस में

डॉक्टरों के मुताबिक, आंबेडकर अस्पताल में हर महीने करीब 75 से 100 महिलाएं ऐसी आती हैं जो सामान्य तरीके से गर्भधारण नहीं कर पा रही होतीं और IVF की जरूरत होती है। चूंकि एम्स रायपुर में भी IVF की सुविधा नहीं है, इसलिए अब तक डॉक्टरों को मजबूरी में इन्हें निजी सेंटर भेजना पड़ता था।

IVF तकनीक बनेगी रामबाण इलाज

IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन – ये तकनीक उन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है जो प्राकृतिक तरीके से गर्भवती नहीं हो पा रही हैं। यह तकनीक उनके लिए रामबाण साबित हो सकती है, और सरकारी अस्पताल में ये सुविधा मिलना सच में एक बड़ी उपलब्धि है।

भर्ती होगी नई टीम, मशीनें भी आएंगी

IVF सेंटर के लिए एंड्रोलॉजिस्ट, एंब्रियोलॉजिस्ट, काउंसलर और बायोटेक्नोलॉजिस्ट समेत कुल 9 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके लिए सालाना करीब 9 लाख रुपये का खर्च प्रस्तावित है। इसमें टेक्नीशियन भी होंगे जो जरूरी जांचों में मदद करेंगे। अस्पताल में पहले से कार्यरत गायनेकोलॉजिस्ट को IVF के लिए खास ट्रेनिंग दी जाएगी।

काउंसलिंग से लेकर कृत्रिम गर्भाधान तक की सुविधा

IVF एक मेडिकल प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि एक भावनात्मक सफर भी होता है। इसलिए सेंटर में दो काउंसलर भी तैनात किए जाएंगे, जो पति-पत्नी को प्रक्रिया की जानकारी देंगे और मानसिक रूप से तैयार करेंगे। पूरा इलाज डॉक्टरों की टीम की निगरानी में होगा।

अब मां बनने का सपना होगा साकार, वो भी बिना जेब ढीली किए

सरकारी IVF सेंटर की शुरुआत से छत्तीसगढ़ की हजारों महिलाओं को नई उम्मीद मिलेगी। यह कदम महिलाओं के स्वास्थ्य, मातृत्व और परिवार की खुशियों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब मां बनने का सपना किसी अमीर की जागीर नहीं, हर महिला का अधिकार बनेगा।

Also Read: छत्तीसगढ़ के अस्पतालों को बड़ा झटका! छत्तीसगढ़ में यह स्वास्थ्य योजना बंद, अब नहीं मिलेगा फ्री इलाज

दक्षिण कोसल का Whatsapp Group ज्वाइन करे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button