धमतरी जिले में जल संरक्षण योजना के लिए IAS नम्रता गांधी को मिला प्रधानमंत्री पुरस्कार

नई दिल्ली/धमतरी। सिविल सर्विस डे पर जब विज्ञान भवन में देशभर के अफसरों को सम्मानित किया जा रहा था, तब छत्तीसगढ़ की माटी की एक बेटी सुर्खियों में थी। जी हां, बात हो रही है धमतरी जिले की पूर्व कलेक्टर IAS नम्रता गांधी की, जिन्हें प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार 2023 से नवाजा गया।
GIS आधारित जल योजना बनी पहचान
नम्रता गांधी को ये पुरस्कार धमतरी जिले में GIS आधारित जल संरक्षण योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए मिला है। जल संरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पर उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जो काम किया, वह आज मिसाल बन चुका है।
21 अप्रैल को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में उन्हें ये सम्मान मिला। पुरस्कार लेते वक्त उन्होंने इसे अकेले का नहीं, बल्कि “टीम धमतरी” का बताया। नम्रता गांधी ने कहा – “यह पुरस्कार हम सभी के सामूहिक प्रयासों की सफलता है। जल संरक्षण, फसल चक्र परिवर्तन जैसे काम सिर्फ टीमवर्क से ही पूरे होते हैं।”
जल बचाने की मुहिम में पूरे जिले की भागीदारी
पूर्व कलेक्टर नम्रता गांधी के कार्यकाल में धमतरी में जल संरक्षण को लेकर एक बड़ा अभियान चलाया गया। पूरे जिले में GIS मैपिंग के जरिए पानी बचाने वाली संरचनाएं चिन्हित की गईं। CLART ऐप के जरिए हर गांव में जमीन की बनावट और भूजल स्तर की जांच की गई। इसके बाद गांव-गांव में उपयोगी जल संरचनाएं बनवाई गईं।
सिर्फ कागजों पर ही नहीं, ज़मीन पर भी काम हुआ। रेस्टोरेंट्स, स्कूल, अस्पताल और बड़े भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया।
जनजागरूकता से जुड़ी जमीनी पहलें
धमतरी की सड़कों पर रैलियां निकलीं, नुक्कड़ नाटक हुए, दीवार लेखन, ऑडियो-विजुअल प्रचार के जरिए लोगों में पानी बचाने की सोच रोपी गई। पेड़ों को राखी बांधने से लेकर, शादी-ब्याह में पौधों के गिफ्ट तक – हर स्तर पर जल और पर्यावरण को लेकर जिम्मेदारी निभाई गई।
तालाबों को फिर से दी जान
नम्रता गांधी की पहल पर जिले के पुराने तालाबों की सफाई और उनका पुनर्जीवन किया गया। 225 से अधिक इंडस्ट्रियल यूनिट्स ने भी पानी बचाने के लिए भूजल बोर्ड के मानकों पर आधारित संरचनाएं बनाई। राइस मिलों में वाटर फ्लो मीटर लगे। गांवों में डाईक और डबरियां बनीं। आदिवासी इलाकों में विशेष ध्यान दिया गया।
11 लाख पौधे और पर्यावरण की नई कहानी
धमतरी जिले में इस पूरे अभियान के दौरान करीब 11 लाख पौधों का रोपण किया गया। गांवों में तालाबों से निकली मिट्टी को खेतों में उपयोग किया गया, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ी।
नम्रता गांधी का संदेश
नम्रता गांधी ने इस उपलब्धि का श्रेय हर उस व्यक्ति को दिया, जिसने जल संरक्षण के इस अभियान में भागीदारी निभाई – अधिकारी हों, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाएं या आम लोग।