Top Naxalite Leaders: सरेंडर करो या मरो… बस्तर में मोस्ट वांटेड 17 नक्सली कमांडर फोर्स के निशाने पर, देखें पूरी लिस्ट

बस्तर: Top Naxalite Leaders: बस्तर में सुरक्षा बलों का नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन अब निर्णायक मोड़ पर है। मोस्ट वांटेड 17 नक्सली नेताओं की सूची जवानों के पास है और ऑपरेशन उसी सूची के आधार पर चल रहा है। अब तक दो बड़े नक्सली कमांडरों — बसव राजू और सुधाकर को मारा जा चुका है। अब अगला नंबर बचे हुए टॉप 17 नक्सलियों का है।
अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा: या सरेंडर करो या खत्म हो जाओ
Bastar Operation: 21 मई को अबूझमाड़ के जंगलों में माओवादी संगठन के शीर्ष नेता बसव राजू मारा गया। इसके बाद 5 जून को बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र में सेंट्रल कमेटी मेंबर सुधाकर को भी जवानों ने ढेर कर दिया। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, जवानों के पास टॉप 17 नक्सली नेताओं की एक लिस्ट है और ऑपरेशन उसी के तहत आगे बढ़ रहा है।
Top Naxalite Leaders: बसव राजू के मारे जाने के बाद से ऑपरेशन में तेजी आई है। लिस्ट में छह पोलित ब्यूरो मेंबर, सेंट्रल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य और तेलुगू कैडर के बड़े नेता शामिल हैं। फोर्स को इन पर कार्रवाई के लिए पूरी छूट दे दी गई है। सरकार की नीति भी अब स्पष्ट है — “जहां छिपे हो, वहीं मारो!”
2025 तक खात्मा या आत्मसमर्पण
Today Naxal News: सूत्रों की मानें तो सरकार का टारगेट है कि 2025 के अंत तक या तो सभी बड़े नक्सली मारे जाएंगे या फिर उन्हें सरेंडर करना पड़ेगा। बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने भी साफ कहा है कि अब गिनती शुरू हो चुकी है — “जो भी बचे हैं, उन्हें जवान ढूंढकर मारेंगे। बेहतर होगा कि वे सरेंडर कर दें, वरना अंजाम और भी बुरा होगा।”

नक्सली संगठन में भगदड़ का माहौल
बसव राजू की मौत के बाद से टॉप लीडरशिप पर भारी दबाव है। नक्सली अब लगातार मूवमेंट कर रहे हैं और सुरक्षा बलों के रडार में आ रहे हैं। संगठन में भगदड़ जैसी स्थिति है, खासकर बस्तर में।
तेलंगाना बना नया ठिकाना, लेकिन वहां भी संकट
सूत्रों के अनुसार, कई बड़े नक्सली अब तेलंगाना के जंगलों में छिपे हैं। वे वहां खुद को सुरक्षित मानते हैं, क्योंकि वहां की कांग्रेस सरकार शांति वार्ता की पैरवी कर रही है। इसके उलट छत्तीसगढ़ और केंद्र में भाजपा सरकार होने से ऑपरेशन्स में तालमेल बेहतर है। तेलंगाना से सुरक्षा बलों को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
Top Naxalite Leaders: टॉप 17 नक्सली नेता, जो अब फोर्स के निशाने पर हैं:
- गणपति – पोलित ब्यूरो सदस्य
- मल्लाराजी रेड्डी – पोलित ब्यूरो सदस्य
- भूपति उर्फ सोनू – पोलित ब्यूरो सदस्य
- भास्कर – पोलित ब्यूरो सदस्य
- मिसिर बेसरा – पोलित ब्यूरो सदस्य
- हिड़मा – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- देवजी – पोलित ब्यूरो सदस्य, सीसीएम चीफ
- कोसा – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- चंदन्ना – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- दामोदर – तेलंगाना स्टेट कमेटी सेक्रेटरी
- प्रयाग – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- उदय – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- गणेश उइके – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- गुडसा उसेंडी – डीकेएसजेडसी सेक्रेटरी
- अनल दा – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- सुजातक्का – सेंट्रल मिलिट्री कमीशन सदस्य
- रामदेर – सेंट्रल मिलिट्री कमीशन सदस्य
बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। टॉप 17 मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं की पहचान हो चुकी है और सुरक्षा बल उन्हें एक-एक कर निशाना बना रहे हैं। बसव राजू और सुधाकर की मौत के बाद संगठन में डर और भगदड़ का माहौल है।
सरकार की रणनीति स्पष्ट है — या तो आत्मसमर्पण करो या फिर मारे जाओ। 2025 तक नक्सलवाद के शीर्ष नेतृत्व को खत्म करने का लक्ष्य तय कर लिया गया है। ऐसे में अब नक्सलियों के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। आने वाले समय में बस्तर और आसपास के इलाकों में नक्सल नेटवर्क का ढांचा पूरी तरह टूट सकता है।