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Colonel Sophia Qureshi Operation Sindoor: PHD छोड़ सेना में शामिल, बहन फिल्म इंडस्ट्री में… ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी से जुड़ी 5 बातें

Colonel Sophia Qureshi Operation Sindoor: कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जो हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के मीडिया ब्रीफिंग में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए चर्चा में आईं। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई भारतीय वायुसेना की सटीक कार्रवाई का हिस्सा था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध था।

कर्नल सोफिया कुरैशी की 5 प्रमुख बातें

  1. शैक्षिक पृष्ठभूमि और सेना में प्रवेश
    कर्नल सोफिया ने गुजरात के वडोदरा में जन्म लिया और महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर डिग्री प्राप्त की। महज 17 वर्ष की आयु में, उन्होंने भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत प्रवेश किया और सिग्नल कोर में अधिकारी के रूप में सेवा शुरू की।
  2. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में नेतृत्व
    2006 में, कर्नल सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भाग लिया और वहां सीजफायर की निगरानी, मानवीय सहायता कार्यों में सक्रिय रूप से योगदान दिया। यह अनुभव उनके लिए गर्व का क्षण था और उन्होंने इसे भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।
  3. मल्टीनेशनल सैन्य अभ्यास का नेतृत्व
    2016 में, कर्नल सोफिया ने ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय दल का नेतृत्व किया, जो भारत द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय सैन्य अभ्यास था। इसमें 18 देशों की सेनाएं शामिल थीं, और कर्नल सोफिया इस अभ्यास में नेतृत्व करने वाली एकमात्र महिला अधिकारी थीं।
  4. परिवारिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत जीवन
    कर्नल सोफिया एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं; उनके दादा भारतीय सेना में थे और उनके पति भी मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री में अधिकारी हैं। उनका एक बेटा है, जिसका नाम समीर कुरैशी है।
  5. ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका
    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, कर्नल सोफिया ने हिंदी में विस्तृत जानकारी प्रदान की, जबकि विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अंग्रेजी में ब्रीफिंग दी। उनकी इस भूमिका ने भारतीय सेना की महिला अधिकारियों की क्षमताओं को उजागर किया और नारी शक्ति को सम्मानित किया।

कर्नल सोफिया कुरैशी की यह यात्रा भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और उनके नेतृत्व की क्षमता का प्रतीक है। उनकी उपलब्धियां न केवल उनके व्यक्तिगत साहस और समर्पण को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी सिद्ध करती हैं कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के समान उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।

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