
गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक ओपन परीक्षा केंद्र पर हुई एक चौंकाने वाली लापरवाही ने शिक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में डाल दिया है। लोहरसी परीक्षा केंद्र पर 12वीं कक्षा के छात्रों को गलती से 10वीं कक्षा का गृह विज्ञान का पेपर थमा दिया गया। इस गड़बड़ी का पता चलते ही हड़कंप मच गया और शिक्षा अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार कर्मचारियों को हटा दिया।
क्या हुआ था घटना में?
दरअसल, 5 अप्रैल को 10वीं कक्षा की गृह विज्ञान परीक्षा के पहले ही, 12वीं कक्षा के छात्रों को उसी विषय का पेपर दे दिया गया था। इस गलती का पता 15-20 मिनट बाद चला जब छात्रों ने पेपर को देखना शुरू किया। जैसे ही यह गड़बड़ी सामने आई, केंद्राध्यक्ष नारायण सिंह ने छात्रों से पेपर वापस ले लिया। उन्होंने माना कि यह एक बड़ी भूल थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इससे पहले कि कोई और कदम उठाया जाता, 10वीं कक्षा का पेपर एक दिन पहले ही लीक हो चुका था।
शिक्षा विभाग ने की कड़ी कार्रवाई
इस गंभीर गलती के बाद जिला शिक्षा अधिकारी एके सारस्वत ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने केंद्राध्यक्ष नारायण सिंह, सहायक केंद्राध्यक्ष तुलसी राम यादव और ऑब्जर्वर नीतू साहू को हटा दिया। इसके अलावा, 10वीं कक्षा के गृह विज्ञान के पेपर को बदलने और परीक्षा की तारीख को रद्द करने के लिए राज्य ओपन परीक्षा बोर्ड को पत्र भेजा गया है।
परीक्षा की गोपनीयता और छात्रों में नाराजगी
यह घटना न केवल परीक्षा की गोपनीयता को प्रभावित करती है, बल्कि छात्रों और उनके अभिभावकों में भी नाराजगी का कारण बनी। छात्रों का कहना है कि ऐसी लापरवाही से उनके भविष्य के साथ खेला गया है और यह शिक्षा व्यवस्था के प्रति अविश्वास को बढ़ाता है। इस घटना ने सवाल उठाए हैं कि क्या शिक्षा विभाग परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त निगरानी रखता है, ताकि ऐसी गलतियों से बचा जा सके।
केंद्राध्यक्ष समेत 3 पर लिया गया एक्शन
बता दें कि पूरा मामला लोहरसी परीक्षा केंद्र का है. पेपर बांटने में गड़बड़ी को लेकर केंद्राध्यक्ष नारायण सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि आज 12 वीं का गृह विज्ञान का पेपर था, लेकिन गलती से 10 वीं का गृह विज्ञान पर्चा दे दिया गया था. हालांकि गलती का पता चलते ही केंद्राध्यक्ष नारायण सिंह ने पेपर बदल दिया. लेकिन परीक्षा में हुई इस बड़ी लापरवाही को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने केंद्राध्यक्ष समेत 3 जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की है.
DEO सारस्वत ने अब दसवीं के खुल चुके पर्चे को बदलने के अलावा परीक्षा की तारीख निरस्त करने के लिए राज्य ओपन परीक्षा को पत्र भेजा है. डीईओ सारस्वत ने बताया कि लापरवाही के चलते ड्यूटी में तैनात केंद्राध्यक्ष नारायण सिंह,सहायक केंद्राध्यक्ष तुलसी राम यादव,और ऑब्जर्वर नितू साह को हटाया गया है.
देखें आदेश :-


यह घटना यह साबित करती है कि शिक्षा व्यवस्था में छोटी सी लापरवाही भी कितनी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है, और अब सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसे लापरवाहीपूर्ण कृत्य से बचने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?