Milk Chilling Centre Kurud: अजय चंद्राकर के प्रयासों से कुरूद में नवीन दुग्ध शीतलीकरण केंद्र का ऐतिहासिक प्रावधान, क्षेत्र की जनता को मिलेगा लाभ

कुरूद: Milk Chilling Centre Kurud: कुरूद विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री अजय चंद्राकर के निरंतर प्रयासों से क्षेत्र में विकास की गति और दिशा में नया मोड़ आया है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के अनुपूरक बजट 2024-25 में कुरूद के लिए एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी गई है, जिससे क्षेत्र के दुग्ध व्यवसाय को नई ऊर्जा मिलेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
नवीन दुग्ध शीतलीकरण केंद्र का ऐतिहासिक प्रावधान
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने कुरूद विधानसभा क्षेत्र में एक नवीन दुग्ध शीतलीकरण केंद्र स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत मिल्क कूलर इकाई, मिल्क टैंकर वाहन और अन्य अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों के लिए कुल 294.50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस पहल से न केवल दुग्ध उद्योग को सशक्त किया जाएगा, बल्कि इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों के लिए विशेष योजनाएं
कुरूद क्षेत्र में दुग्ध शीतलीकरण और प्रोसेसिंग की सुविधा को बढ़ावा देने के लिए, बल्क मिल्क कूलर इकाई और मिल्क टैंकर वाहन जैसे आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा, प्रसंस्करण केंद्र में कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग एरिया और प्रोडक्ट मैनुफैक्चरिंग एरिया की भी व्यवस्था की जाएगी। इस संयंत्र को संचालित करने के लिए क्षेत्र के दूध उत्पादक पशुपालकों और महिला स्वसहायता समूहों को शामिल किया जाएगा, जो इस परियोजना में सक्रिय रूप से योगदान देंगे।
नई तकनीक से रोजगार के अवसर और व्यवसायिक विकास
इस परियोजना के माध्यम से, आसपास के दूध उत्पादक पशुपालकों से दूध इकट्ठा किया जाएगा और उसे प्रोसेसिंग यूनिट में लाकर पैकेजिंग की जाएगी। इसके बाद यह दूध खुले बाजार में बेचा जाएगा। इसके लिए धमतरी शहर और भखारा में वितरण केंद्र भी स्थापित किए जाने की योजना है। इस पहल से क्षेत्र के दुग्ध व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी और स्वसहायता समूहों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
दुग्ध उद्योग को सशक्त बनाने के लिए जारी प्रयास
कुरूद क्षेत्र में पहले ही सेमरा बी, मुजगहन और भाठागांव में चिलिंग प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जहां से प्रतिदिन लगभग सात हजार लीटर दूध की आपूर्ति की जाती है। इन प्लांटों में दूध का कलेक्शन किया जाता है और उसे शीतल किया जाता है ताकि दूध खराब न हो। इसके बाद, देवभोग के सुसज्जित टैंकरों के माध्यम से दूध की पैकेजिंग और अन्य उत्पाद जैसे घी, पनीर, दही, मठा आदि बनाए जाते हैं।
आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम
इस परियोजना के शुरू होने से न केवल कुरूद, बल्कि पूरे जिले में दुग्ध व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी। साथ ही, यह स्थानीय किसानों और महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। इस तरह की पहल से क्षेत्र के लोग न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगे, बल्कि उन्हें एक तकनीकी व्यवसाय में पारंगत होने का मौका भी मिलेगा।
कुरूद विधायक श्री अजय चंद्राकर के अथक प्रयासों से क्षेत्र में डेयरी उद्योग को नया आयाम मिलेगा, जिससे गांव-गांव के लोग भी आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।