छत्तीसगढ़ के 427 से अधिक स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को मिले राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक, CM साय ने उत्कृष्ट संस्थाओं और टीम को दी बधाई…

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाएं अब सिर्फ कागजों की बात नहीं रही, जमीनी हकीकत भी बन गई हैं। राज्य के 427 से अधिक सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों ने साल 2024-25 में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) का सर्टिफिकेट हासिल किया है। ये केवल कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि सरकार की नीयत, नीतियों और मेहनत का जीता-जागता सबूत है।
मुख्यमंत्री साय बोले – सेवा के छोर तक पहुंचे भरोसा
सीएम विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई और कहा कि ये प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ सरकार की जनसेवा, बेहतर योजना और स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधारों की बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की मजबूती और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

चिंतागुफा बना मिसाल, नक्सल क्षेत्र से राष्ट्रीय स्तर तक की उड़ान
मुख्यमंत्री ने सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित इलाके चिंतागुफा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का खासतौर पर जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस पीएचसी को 28 नवंबर 2024 को भारत सरकार की ओर से NQAS प्रमाण पत्र मिला है। एक समय पर जहां ये इलाका डर और हिंसा की पहचान था, आज वहीं से स्वास्थ्य सेवा की सफलता की कहानी गूंज रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने टीम को दिया क्रेडिट
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि अब तक प्रदेश के 436 सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को गुणवत्ता प्रमाणन मिल चुका है, जबकि 644 अन्य संस्थान मूल्यांकन की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने विभाग की टीम की मेहनत, दूरदृष्टि और सेवा-भावना की तारीफ की।
जानिए क्या है NQAS और कैसे मिलता है ये सर्टिफिकेट?
NQAS यानी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का प्रमाणन हर किसी को नहीं मिलता। इसके लिए अस्पताल को कई सख्त मानकों पर खरा उतरना होता है – जैसे मरीजों के अधिकार, क्लिनिकल सेवाएं, इंफेक्शन कंट्रोल, सुविधाओं की उपलब्धता, इनपुट क्वालिटी और क्वालिटी मैनेजमेंट। भारत सरकार की विशेषज्ञ टीम द्वारा गहराई से मूल्यांकन करने के बाद ही यह प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।