छत्तीसगढ़

CG Teacher Yuktiyuktkaran: 2 शिक्षक कैसे पढ़ाएं 5 कक्षा? छत्तीसगढ़ में शिक्षकों का फूटा दर्द, बोले – CM दखल दें, 2008 वाला सेटअप लागू हो

रायपुर, 17 मई 2025: CG Teacher Yuktiyuktkaran: छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर बवाल मच गया है। मामला है युक्तियुक्तकरण नीति का, जिसके तहत प्रदेश की शालाओं में शिक्षकों के पद कम कर दिए गए हैं। अब हालात यह हैं कि एक प्राथमिक शाला में मात्र दो शिक्षक, पांच कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

युक्तियुक्तकरण ने बढ़ाई शिक्षकों की मुश्किल

टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि युक्तियुक्तकरण नीति के चलते हर शाला से एक-एक शिक्षक पद हटा दिया गया है। इससे हालात इतने बदतर हो गए हैं कि अब स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त नहीं रह गई है। खासकर प्रायमरी, मिडिल और कॉमर्स वर्गों में एक-एक पद खत्म कर दिए गए हैं।

“दो शिक्षक कैसे पांच कक्षाएं पढ़ाएंगे?” – यही सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ेगा।

2008 के सेटअप को फिर से लागू करने की मांग

शिक्षक संगठन ने सरकार से स्पष्ट मांग की है कि 2008 में लागू किए गए सेटअप को दोबारा लागू किया जाए। उस समय की व्यवस्था के अनुसार शिक्षकों की संख्या और पदों का निर्धारण व्यावहारिक और संतुलित था। मौजूदा नीति में शालाओं को एक परिसर में मिलाने की बात कही जा रही है, जिससे व्यवस्थापन और प्रबंधन दोनों कमजोर हो जाएंगे। इसके अलावा सम्बद्ध शालाओं के प्रधान पाठक पद को खत्म करने की बात भी सामने आई है, जिससे शिक्षकों की पदोन्नति की संभावना भी समाप्त हो रही है।

“प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा मिल रहा है”

शिक्षक नेताओं का आरोप है कि इस नई नीति से निजी स्कूलों को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा मिल रहा है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते अभिभावक अब अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने को मजबूर होंगे। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा।

“हमने दिए हैं विस्तृत सुझाव” – टीचर्स एसोसिएशन

एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया कि युक्तियुक्तकरण नीति को एकतरफा तरीके से लागू किया गया है, जबकि इस पर शिक्षकों की राय नहीं ली गई। विभाग ने न तो आपत्ति के लिए समय दिया और न ही किसी सुझाव को माना।

टीचर्स एसोसिएशन के नेता –
संजय शर्मा, सुधीर प्रधान, वाजिद खान, हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, डॉ. कमल वैष्णव, शैलेंद्र पारीक और अन्य पदाधिकारियों ने मांग की है कि अतिशेष शिक्षकों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द पुराना सेटअप बहाल किया जाए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन और शिक्षकों की पदोन्नति की भी मांग

टीचर्स एसोसिएशन ने स्पष्ट कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन किया जाए और शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए। प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधानपाठक जैसे पदों पर पहले से लंबित प्रमोशन को निपटाया जाए।

संघ ने सरकार को विस्तृत सुझाव भी सौंपे हैं और मांग की है कि शिक्षक संगठनों से चर्चा कर युक्तियुक्तकरण नीति के दोषपूर्ण बिंदुओं को हटाकर, व्यवस्थित तरीके से व्यवस्थापन किया जाए।

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