Homestay Policy: दामाखेड़ा बना कबीर धर्मनगर, कैबिनेट ने तीन जगहों के नाम बदले, होमस्टे नीति को भी मिली मंजूरी, गांवों में खुलेगा रोजगार का रास्ता

रायपुर। Homestay Policy: छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए। इनमें सबसे अहम फैसला नाम बदलने को लेकर आया। (Panchayat Name Change) बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा तहसील स्थित ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम अब आधिकारिक रूप से ‘कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा’ कर दिया गया है।
CM Sai Cabinet: यह फैसला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पूर्व घोषणा के अनुरूप लिया गया। उन्होंने 23 फरवरी को दामाखेड़ा में आयोजित मांघी मेला के दौरान संत समाज की उपस्थिति में नाम परिवर्तन की घोषणा की थी। इसी पर कैबिनेट ने अब मुहर लगा दी है।
दो और पंचायतों के नाम बदले
नाम बदलने की इस सूची में दो और पंचायतें शामिल हैं।
- कबीरधाम जिले के कवर्धा तहसील के ग्राम गदहाभाठा का नाम बदलकर अब ‘सोनपुर’ कर दिया गया है।
- वहीं, बोड़ला तहसील की ग्राम पंचायत चण्डालपुर को अब से ‘चन्दनपुर’ के नाम से जाना जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह कदम स्थानीय भावनाओं और सांस्कृतिक पहचान को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
ग्रामीण पर्यटन को मिलेगी रफ्तार, लागू होगी होमस्टे नीति
CM Rural Tourism: कैबिनेट की बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया, जो गांवों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वालों के लिए राहत लेकर आया है। सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30’ को मंजूरी दे दी है।
इस नीति के तहत अब ग्रामीण और खासकर बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। होमस्टे के ज़रिए पर्यटकों को गांव की संस्कृति, जीवनशैली, कला और प्रकृति को नजदीक से जानने का मौका मिलेगा।
सरकार का मानना है कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए मौके मिलेंगे, उनकी आमदनी बढ़ेगी और पर्यटन को एक नया आयाम मिलेगा। यह नीति ‘वोकल फॉर लोकल’ के लक्ष्य को भी मजबूती देने वाली साबित हो सकती है।
कैबिनेट के इन फैसलों से न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मान्यता मिली है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देने की कोशिश की गई है। नाम बदलने की खबरों के बीच होमस्टे नीति ने गांवों की तस्वीर बदलने की उम्मीद जगा दी है।