भूख हड़ताल पर बैठे सचिव की हार्ट अटैक से मौत, सचिव संघ का फूटा गुस्सा

CG Secretary Union Protest: कोरबा से एक दुखद और तगड़ी खबर आई है। सचिव पद पर कार्यरत एक कर्मचारी की भूख हड़ताल के दौरान तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। सचिव संघ इसे सरकार की उपेक्षा और प्रशासन की लापरवाही बता रहा है।

मामला कोरबा का है, जहां पंचायत सचिव राजकुमार कश्यप हड़ताल पर बैठे थे। वे अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से सचिव संघ के बैनर तले क्रमिक भूख हड़ताल में हिस्सा ले रहे थे। गर्मी ज़ोरों पर थी, शरीर थका हुआ था और सरकार अब तक खामोश। तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और आनन-फानन में विनायक अस्पताल ले जाया गया। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था — इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

राजकुमार कश्यप कुटेलामुंडा में पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत थे और उड़ता गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में पत्नी और छोटे-छोटे बच्चे हैं। जैसे ही मौत की खबर गांव पहुंची, मातम पसर गया। परिजन बदहवास, रिश्तेदारों की आंखें नम और गांव में गहरा सन्नाटा।

सरकार पर सचिवों का सीधा आरोप – ये मौत नहीं, सिस्टम की मार है

घटना के बाद सचिव संघ का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में सचिव अस्पताल पहुंचे और सरकार पर सीधा आरोप जड़ दिया। उनका कहना है कि लगातार मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। शासकीयकरण, वेतन विसंगति और नौकरी की सुरक्षा जैसी मांगों को लेकर सचिव संघ कई महीनों से आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस भरोसा नहीं मिला।

संघ नेताओं का कहना है कि राजकुमार कश्यप की मौत प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने इसे “सरकारी अनदेखी से हुई मौत” करार दिया और सरकार से मुआवजा, परिवार को सहायता, और सचिवों की मांगों पर तत्काल निर्णय लेने की मांग की है।

सचिव संघ ने दी चेतावनी – अब चुप नहीं बैठेंगे

राजकुमार की मौत के बाद सचिव संघ ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “अगर अब भी सरकार नहीं जागी, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। अब यह सिर्फ आंदोलन नहीं, बल्कि अस्तित्व की लड़ाई है।”

सरकार की चुप्पी के बीच सचिवों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सवाल ये है — क्या एक और कर्मचारी की जान जाने के बाद ही सिस्टम हिलेगा?

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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