CG Bhoramdeo Corridor Temple Renovation: भोरमदेव कॉरिडोर को केंद्र सरकार से मिली 146 करोड़ की मंजूरी: छत्तीसगढ़ का ‘खजुराहो’ अब दिखेगा और भी भव्य, डिप्टी CM शर्मा ने मंदिर के साथ-साथ मड़वा महल और छेरकी महल का किया निरीक्षण

CG Bhoramdeo Corridor Temple Renovation: छत्तीसगढ़ के धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में खास पहचान रखने वाला भोरमदेव मंदिर अब नए रंग-रूप में नजर आएगा। Temple Renovation केंद्र सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत इस धरोहर को भव्य कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के लिए 146 करोड़ रुपये की बड़ी मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत मंदिर परिसर के साथ आसपास के विरासत स्थलों को भी संवारा जाएगा। कवर्धा के में ऐतिहासिक भोरमदेव महोत्सव का 26 और 27 मार्च को आयोजित किया गया था। इस महोत्सव में राज्य की समृद्ध संस्कृति, लोककला और पारंपरिक धरोहर का भी भव्य प्रदर्शन किया गया। 

उपमुख्यमंत्री के दौरे के बाद मिली रफ्तार

Deputy Chief Minister Vijay Sharma: इस विकास कार्य की कमान संभाली है उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने। हाल ही में वे पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा के साथ भोरमदेव मंदिर, मड़वा महल और छेरकी महल का दौरा करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को दो टूक निर्देश मिले – “काम में देरी बर्दाश्त नहीं होगी, हर काम में गुणवत्ता होनी चाहिए।”

अब सिर्फ मंदिर नहीं, पूरा कॉरिडोर बनेगा पहचान

Chhattisgarh Tourism: इस पूरे प्रोजेक्ट का मकसद सिर्फ मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं है, बल्कि इसे एक ऐसे धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है जो लोगों को आस्था के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की समृद्ध विरासत से भी जोड़े। कॉरिडोर का निर्माण, रोड कनेक्टिविटी, लाइटिंग सिस्टम, रुचिकर साइन बोर्ड, रेस्ट एरिया, और हेरिटेज संरक्षण जैसे काम इस परियोजना में शामिल हैं। Religious Tourism मतलब साफ है, अब यहां पहुंचने वाला हर यात्री न सिर्फ दर्शन करेगा, बल्कि पूरे ऐतिहासिक क्षेत्र की यात्रा का आनंद भी ले सकेगा।

भोरमदेव: आस्था, इतिहास और रोजगार का संगम

11वीं सदी में बना भोरमदेव मंदिर अपने स्थापत्य के लिए जाना जाता है, जिसे अक्सर ‘छत्तीसगढ़ का खजुराहो’ भी कहा जाता है। लेकिन अब तक इसकी पहचान सीमित रही। इस परियोजना के बाद यह स्थल राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर और भी मजबूती से उभरेगा। Bhoramdeo Development इसके अलावा, स्थानीय लोगों के लिए यह परियोजना रोजगार का साधन भी बनेगी। पर्यटन बढ़ेगा तो होटलों, गाइडिंग, परिवहन और हस्तशिल्प जैसी सेवाओं में भी काम के मौके पैदा होंगे।

विरासत को मिलेगा नया जीवन, युवा पीढ़ी को गर्व

Swadesh Darshan: भोरमदेव मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की वास्तुकला, संस्कृति और सभ्यता का अद्भुत उदाहरण है। Cultural Tourism इस प्रोजेक्ट से यहां आने वाली नई पीढ़ी को भी यह समझने का मौका मिलेगा कि उनके प्रदेश की मिट्टी में कितनी समृद्ध विरासत दबी हुई है।

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