छत्तीसगढ़ का पहला AI डाटा सेंटर पार्क बनेगा नवा रायपुर में: सीएम साय करेंगे भूमिपूजन, एक हजार करोड़ की लागत से 13.5 एकड़ में होगा निर्माण

रायपुर: CG first AI Data Center Park in Nava Raipur: छत्तीसगढ़ अब सिर्फ़ पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में राज्य अब डिजिटल युग की ओर बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। 3 मई 2025 को नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ के पहले AI एक्सक्लूसिव डाटा सेंटर पार्क का भूमिपूजन होने जा रहा है। अटल नगर के सेक्टर-22 में बनने जा रहे इस हाईटेक प्रोजेक्ट की लागत ₹1000 करोड़ है और इसे Rays Bank Data Center Pvt. Ltd. द्वारा विकसित किया जा रहा है।
CM साय करेंगे भूमिपूजन, मंत्रियों की भी रहेगी मौजूदगी
इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन और वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी मौजूद रहेंगे। भूमिपूजन सुबह 11:30 बजे किया जाएगा। ये सेंटर 13.5 एकड़ में फैला होगा, जिसमें से 2.7 हेक्टेयर क्षेत्र स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) के तौर पर चिन्हित किया गया है।
छत्तीसगढ़ क्यों है डाटा सेंटर के लिए मुफ़ीद?
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की रीढ़ होती है—डाटा। जितना बड़ा और सुरक्षित डाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा, उतनी ही तेज़ी से तकनीकी विकास संभव होगा। छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी ताक़त है इसकी बिजली सरप्लस स्थिति। जब बड़े स्तर पर डाटा प्रोसेसिंग और माइनिंग होती है, तो बिजली की खपत बहुत अधिक होती है, ऐसे में राज्य की यह विशेषता इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकती है।
सेमीकंडक्टर यूनिट के बाद अब AI डाटा सेंटर
CM साय और उद्योग मंत्री देवांगन मिलकर राज्य को आधुनिक उद्योगों का हब बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हाल ही में सेमीकंडक्टर यूनिट के लिए भी 1163 करोड़ रुपये की परियोजना का भूमिपूजन किया गया। अब AI डाटा सेंटर के ज़रिये छत्तीसगढ़ डिजिटल इंडिया की दौड़ में अपना दम दिखाने जा रहा है।
युवाओं के लिए नए रोजगार की संभावनाएं
AI और डाटा सेंटर सेक्टर में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की भारी डिमांड होती है। नवा रायपुर में बनने वाला ये पार्क न सिर्फ़ तकनीकी विकास को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय युवाओं को हज़ारों की संख्या में रोजगार के अवसर भी देगा।
निवेशकों के लिए आसान प्रक्रिया, सरकार का सिंगल विंडो सिस्टम
नई औद्योगिक नीति के तहत राज्य सरकार ने आधुनिक तकनीक वाले उद्योगों को बढ़ावा देने का ऐलान किया है। सिंगल विंडो सिस्टम, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और स्पीड ऑफ बिजनेस जैसे उपायों से उद्योगपतियों को तेज़ मंजूरी मिल रही है। यही वजह है कि भूमि चिन्हांकन से लेकर डाटा सेंटर की मंजूरी तक की प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की गई।
पावर हब बनने की दिशा में छत्तीसगढ़
एनर्जी समिट जैसे आयोजन और पॉलिसी समर्थन के चलते छत्तीसगढ़ आने वाले समय में भारत का पावर हब बन सकता है। AI डाटा सेंटर जैसी परियोजनाएं इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।