CG Tribal Student Meet Rahul Gandhi: छत्तीसगढ़ के आदिवासी छात्र नेताओं की राहुल गांधी से मुलाकात, हसदेव से लेकर युक्तियुक्तकरण जैसे कई मुद्दों पर हुई चर्चा

CG Tribal Student Meet Rahul Gandhi: छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले आदिवासी छात्र नेताओं ने हाल ही में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से दिल्ली स्थित 10 जनपथ पर मुलाकात की। इस खास बैठक में प्रदेश की कई ज्वलंत समस्याएं उठाई गईं, जिनमें आदिवासी इलाकों की बदहाली, वन क्षेत्रों में हाथियों का आतंक, स्कूलों का युक्तिकरण और निर्दोषों पर कार्रवाई जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
हाथियों का आतंक और वन क्षेत्र की चिंता
Rahul Gandhi Meeting: मरवाही से आए NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत सदस्य शुभम पेंद्रो ने राहुल गांधी के सामने मरवाही वनमंडल में हाथियों द्वारा मचाए जा रहे आतंक का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने बताया कि इन हाथियों की वजह से इलाके के लोग डरे-सहमे रहते हैं, और जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

हसदेव जंगलों की कटाई और बस्तर की जमीनी हकीकत
Pendra news: बैठक में हसदेव अरण्य में हो रही जंगलों की कटाई को लेकर भी चिंता जाहिर की गई। CG Hasdeo Forest आदिवासी छात्र नेताओं ने बताया कि पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करते हुए आदिवासी क्षेत्रों की हरियाली को उखाड़ा जा रहा है।
साथ ही बस्तर की स्थिति पर भी बातचीत हुई। नेताओं ने आरोप लगाया कि बस्तर में निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि NIA बदले की भावना से कांग्रेस समर्थक आदिवासियों को निशाना बना रही है और उन्हें जेलों में डाला जा रहा है।
स्कूल बंद होने और शिक्षा पर संकट
Rahul Gandhi Meeting: इस दौरान राज्य में चल रहे स्कूलों के युक्तिकरण (समायोजन) पर भी बात हुई। छात्र नेताओं का कहना था कि सरकार इस योजना के जरिए दूरदराज के गांवों में स्कूल बंद कर रही है, जिससे शिक्षा तक पहुंच और मुश्किल होती जा रही है। खासकर आदिवासी बच्चों के लिए यह बड़ा नुकसान है।
राहुल गांधी का आश्वासन
राहुल गांधी ने बैठक में उठाए गए सभी मुद्दों को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि वह इन सभी विषयों को लोकसभा में भी उठाएंगे। उन्होंने जल्द ही छत्तीसगढ़ दौरे का वादा करते हुए कहा कि वे स्वयं जाकर हालात का जायजा लेंगे।
आदिवासी छात्र नेताओं की यह मुलाकात सिर्फ एक शिष्टाचार नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की जमीनी समस्याओं को दिल्ली तक पहुंचाने का प्रयास थी। अब देखना होगा कि इन मुद्दों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया क्या होती है और राहुल गांधी कब छत्तीसगढ़ की धरती पर कदम रखते हैं।