डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने पर अड़े डेमोक्रेट्स, प्रतिनिधि सभा से प्रस्ताव पारित
अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस भले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ संविधान के 25वां संशोधन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हों, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने पर अड़ी है। अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन उप राष्ट्रपति को ये अधिकार देता है कि जब राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में अयोग्य और अक्षम हो जाए तो उसे उसके कार्यकाल में ही हटाकर सारी शक्तियां अपने हाथ में ले सकता है।

ट्रंप के प्रतिद्वंदी डेमोक्रेट सांसदों के बहुमत वाले प्रतनिधि सभा ने एक प्रस्ताव पारित किया है और उपराष्ट्रपति माइक पेंस से अपील की है कि वो ट्रंप को हटाने के लिए 25वां संशोधन लागू करने की प्रक्रिया शुरू करें। हालांकि इससे पहले ही माइक पेंस ने कहा था कि वह इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं। बता दें कि अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में ट्रंप के समर्थकों द्वारा हिंसा को लेकर ट्रंप की काफी आलोचना हो रही है। इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हुई थी।
इस हिंसा के बाद विपक्षी डेमोक्रेट सांसद ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाना चाहते हैं और उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। हालांकि ट्रंप के कार्यकाल का ज्यादा वक्त नहीं बचा है। राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इस दिन डेमोक्रेट जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। ट्रंप सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए तैयार भी हो गए हैं। ट्रंप पर 25वां संशोधन लागू करने के लिए प्रतिनिधि सभा में पेश हुए प्रस्ताव के पक्ष में 223 लोगों ने वोट किया, जबकि 205 लोगों ने इसके खिलाफ मत दिया। ट्रंप की पार्टी के एक सांसद ने भी ट्रंप को हटाने का समर्थन किया है। इस प्रस्ताव के तहत पेंस से अपील की गई है कि वे ट्रंप को हटाने के लिए कैबिनट की गतिविधियां शुरू करें।
बता दें कि स्पीकर नैंसी पेलोसी ट्रंप के खिलाफ 25वां संशोधन लागू करने के लिए अड़ी हुई हैं। नैंसी पेलोसी ने कहा कि ट्रंप ने दिखा दिया है कि ट्रंप अपने बुनियादी संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करने में भी अयोग्य हैं। इसके अलावा नैंसी पेलोसी ने कहा कि ट्रंप ने ही अपने समर्थकों को कैपिटल हिल पर हमले के भड़काया।
नैंसी पेलोसी ने कहा, “इसलिए राष्ट्रपति को उनके पद से तुरंत हटाया जाना चाहिए, ये एक ऐसा निर्णय है जिसे हमने बहुत गंभीरता से लिया है और अभी का संकट ऐसा ही मांग करता है, राष्ट्रपति को हटाया जाना एक अभूतपूर्व कार्रवाई है, लेकिन इसकी जरूरत है, जो खतरा वो पेश कर रहे हैं वो भी इतिहास में अभूतपूर्व है।”