छत्तीसगढ़सरकारी योजना

आंधी-तूफान ने रबी फसलें की बर्बाद, किसानों को मिलेगा नुकसान का मुआवजा, ऐसे करें आवेदन राहत दे सकती है यह योजना, इस तरह करें मुआवजे के लिए दावा…

PM Fasal Bima Yojana: देश के कई हिस्सों में हाल ही में आई तेज आंधी और बेमौसम बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। खेतों में खड़ी फसलें—खासकर चना, मसूर और सब्ज़ियां—तेज हवा और बारिश की वजह से खराब हो गईं। मौसम विभाग कह रहा है कि ये सब पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुआ।

लेकिन इस मुसीबत में एक उम्मीद की किरण है—प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)। ये वही योजना है, जो ऐसे हालात में किसानों को आर्थिक राहत देने के लिए बनाई गई थी।

क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और कैसे दिला सकती है राहत?

इस योजना के तहत, किसान प्राकृतिक आपदाओं—जैसे बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, तूफान आदि—से फसलों को हुए नुकसान पर बीमा क्लेम कर सकते हैं।

शर्त सिर्फ ये है कि फसल क्षति की सूचना 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग या बीमा कंपनी को देनी होगी।

योजना में पंजीकृत किसान अगर समय पर प्रक्रिया पूरी करते हैं, तो उन्हें सीधे बैंक खाते में मुआवज़ा दिया जाता है।

कैसे करें फसल नुकसान पर दावा? जानिए पूरी प्रक्रिया

1. सबसे पहले सूचना दें

अगर आपकी फसल बर्बाद हुई है तो इसकी जानकारी स्थानीय पटवारी, तहसीलदार, कृषि अधिकारी, बीमा एजेंट या हेल्पलाइन नंबर पर 72 घंटे के अंदर देनी होगी।

2. ऑनलाइन या ऑफलाइन करें दावा

  • आप चाहें तो PMFBY की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से क्लेम फाइल कर सकते हैं।
  • या फिर नजदीकी CSC केंद्र, बैंक या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर ऑफलाइन फॉर्म भर सकते हैं।

3. जमा करें ज़रूरी दस्तावेज

  • पहचान पत्र (आधार कार्ड)
  • भूमि के कागजात या बोआई प्रमाण
  • बैंक खाता विवरण
  • फसल क्षति के तस्वीरें (यदि संभव हो)

4. फसल नुकसान का सर्वेक्षण

कृषि विभाग और बीमा कंपनी की टीम संयुक्त रूप से नुकसान का सर्वे करती है।

5. मुआवजा सीधे बैंक खाते में

जांच पूरी होने के बाद बीमा राशि किसान के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

सरकार ने दिए निर्देश, क्लेम प्रक्रिया होगी तेज

PM Fasal Bima Yojana: राज्य सरकार ने जिलों के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि फसल क्षति का त्वरित सर्वेक्षण करें और बीमा क्लेम प्रोसेस में तेजी लाएं, ताकि किसानों को जल्द राहत मिल सके।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जो किसान समय पर जानकारी देकर प्रक्रिया पूरी करेंगे, उन्हें निश्चित तौर पर मुआवज़ा मिलेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति संभालने में मददगार साबित होगा।

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