छत्तीसगढ़

Sushasan Tihar: मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर अचानक उतरेगा किसी गांव में, आज से मुख्यमंत्री ग्रामीणों के बीच लगायेंगे चौपाल

Sushasan Tihar: छत्तीसगढ़ में सुशासन को जनसंपर्क और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में “सुशासन तिहार 2025” का तीसरा चरण 5 मई से शुरू हो रहा है। यह चरण 31 मई तक चलेगा। शासन और प्रशासन द्वारा इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

समाधान शिविर: हर जिले में 8 से 15 ग्राम पंचायतों में आयोजन

इस चरण के दौरान हर जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों में समाधान शिविर लगाए जाएंगे, जहां आम नागरिक अपने आवेदन पत्रों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इन शिविरों में विभागीय अधिकारी जनता से सीधा संवाद कर समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया को गति देंगे।

मुख्यमंत्री का औचक दौरा, हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे गांव

इस अभियान की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं हेलीकॉप्टर से औचक रूप से किसी भी गांव में पहुंचेंगे, और वहां चौपाल लगाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगे। वे न केवल शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत का निरीक्षण करेंगे बल्कि स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली के बारे में भी जानकारी लेंगे।

मंत्रीगण भी रहेंगे समाधान शिविरों में शामिल

मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के अन्य मंत्रीगण भी कुछ समाधान शिविरों में शामिल होंगे। वे आवेदकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों से फीडबैक लेंगे।

पहले चरण में मिले 40 लाख से अधिक आवेदन

सुशासन तिहार का पहला चरण 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक चला था। इस दौरान राज्यभर की ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में लगाए गए शिविरों में करीब 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। ये आवेदन समस्याओं, मांगों और शासकीय योजनाओं से संबंधित थे। इन सभी को “सुराज अभियान पोर्टल” पर अपलोड कर विभागवार वर्गीकृत किया गया है।

समाधान पेटियां और ऑनलाइन आवेदन की सुविधा

जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायतों से लेकर जिला मुख्यालयों तक समाधान पेटियां रखी गई थीं। साथ ही ऑनलाइन आवेदन की भी सुविधा दी गई, जिससे लोग डिजिटल माध्यम से भी अपनी समस्याएं दर्ज करा सकें।

लक्ष्य: पारदर्शी, संवेदनशील और जनोन्मुखी प्रशासन

छत्तीसगढ़ सरकार का यह अभियान शासन-प्रशासन को पारदर्शी, संवेदनशील और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। मुख्यमंत्री का गांव-गांव पहुंचना और आमजन से सीधा संवाद करना इस प्रयास को और मजबूत बनाता है।

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