Naxal Surrender: सुकमा में नक्सलियों का बड़ा सरेंडर: 22 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, कुल 40 लाख का था इनाम

सुकमा: Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद को लेकर एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई और लगातार दबाव के चलते कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन सभी पर कुल मिलाकर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सरेंडर करने वालों में एक नक्सली दंपती भी शामिल है, जिन पर अलग-अलग 8-8 लाख रुपये का इनाम था।
आत्मसमर्पण की बड़ी वजह बनी सुरक्षा बलों की रणनीति
यह आत्मसमर्पण सुकमा के एसपी और सीआरपीएफ डीआईजी के सामने हुआ। अधिकारियों ने बताया कि यह सरेंडर महज एक संयोग नहीं, बल्कि सुरक्षा बलों की लंबे समय से चल रही रणनीति, लगातार सर्च ऑपरेशन और संवाद प्रक्रिया का परिणाम है।
इलाके में बढ़ते दबाव और पुलिस की लगातार मौजूदगी ने नक्सलियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि अब हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना ही बेहतर विकल्प है।
केंद्रीय गृहमंत्री की अपील का दिखा असर
कुछ दिन पहले ही दंतेवाड़ा में आयोजित बस्तर पंडुम कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से अपील की थी कि वे हिंसा छोड़कर समाज में लौटें। अब उसका असर सुकमा में देखने को मिला है।
एक साथ 22 नक्सलियों का सरेंडर इस बात का संकेत है कि सरकार की नीति, पुलिस की रणनीति और जनता के समर्थन से अब नक्सलवाद अपनी जड़ों से हिल रहा है।
अब आगे क्या?
सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मदद मिलेगी। उन्हें मुख्यधारा में लौटने, रोजगार पाने और सामान्य जीवन जीने के लिए योजनाओं का लाभ मिलेगा। प्रशासन ने इस मौके पर एक बार फिर बाकी नक्सलियों से भी समाज की ओर लौटने की अपील की है।
नक्सलवाद को लेकर तस्वीर बदल रही है
यह ताजा सरेंडर छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर एक मनोबल बढ़ाने वाली खबर है। एक समय में जिस इलाके में नक्सली दहशत का दूसरा नाम हुआ करते थे, अब वहीं पर नक्सली खुद आगे आकर हथियार डाल रहे हैं।
यह दिखाता है कि बदलाव संभव है — बशर्ते नीति साफ़ हो, नीयत मजबूत हो और जनता का साथ मिले।
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