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छग में शराब बिक्री पर हुई 5 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी, मामला सदन में गूंजा; आबकारी मंत्री लखमा के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया बहिर्गमन

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में भाजपा सदस्यों ने प्रदेश में देशी तथा विदेशी मदिरा के विक्रय से प्राप्त राशि तथा महासमुंद जिले में शराब बिक्री की पांच करोड़ से अधिक राशि यश बैंक द्वारा गड़बड़ी करने का मुद्दा जोरशोर से उठाया। इस मुद्दे पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा द्वारा मिले उत्तर से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन भी किया।

भाजपा सदस्य नारायण चंदेल ने प्रश्रकाल में आज 01 जनवरी 2019 से लेकर 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश में देशी तथा विदेशी मदिरा के विक्रय से प्राप्त राशि तथा प्रश्रावधि में दुकानो को कितनी-कितनी राशि जमा करना शेष तथा जमा नहीं करने का कारण के साथ-साथ विक्रय से प्राप्त राशि विभाग द्वारा कहां-कहां जमा करायी जाती है कि जानकारी आबकारी मंत्री से मांगी।

इसके जवाब में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि प्रश्रावधि में देशी मदिरा से 06 हजार 279 करोड़ 60 लाख 55 हजार 590 तथा विदेशी से 05 हजार 870 करोड़ 51 लाख 28 हजार 930 रूपये की राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रश्रावधि में शराब बिक्री राशि में महासमुंद जिले में 05 करोड़ 25 लाख 28 हजार 650 रूपये जमा होना शेष है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में मदिरा विक्रय राशि संग्रहण एवं निगम के खाते में जमा करने हेतु यस बैंक प्रबंधन की अनियमितता के फलस्वरूप उक्त राशि निगम के खाते में जमा नहीं हो सकी।

राशि जमा नहीं किये जाने पर निगम द्वारा यश बैंक को ब्लैक गारंटी निगम के पक्ष में राशि जमा कराई गई है। उन्होंने यह भी बताया कि देशी-विदेशी मदिरा विक्रय से प्राप्त राशि छग स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड रायपुर द्वारा निगम के बैंक खाते में जमा करायी जाती है।

इस मामले में पूरक प्रश्र करते हुए भाजपा सदस्य नारायण चंदेल ने कहा कि जब एक प्लेसमेंट कर्मी द्वारा राशि जमा नहीं कराया जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया जाता है फिर 05 करोड़ से अधिक की राशि जमा नहीं कराने पर बैंक प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

आबकारी मंत्री लखमा ने स्वीकार किया कि इस मामले में यश बैंक द्वारा लापरवाही किया गया है और यह गड़बड़ी ऑडिट के दौरान पकड़ाई है। जिसके बाद बैंक को ब्लैक गारंटी निगम के तहत उसकी एफडी कराई गई 10 करोड़ रूपये की राशि में से जमा कराया गया है। भाजपा सदस्य ने पूछा कि यश बैंक क्या राष्ट्रीकृत बैंक है अगर नहीं तो उक्त बैंक में राशि जमा कराने के लिए कोई बाध्यता या फिर कोई और कारण है। इसके जवाब में आबकारी मंत्री ने कहा कि भाजपा शासनकाल से ही यश बैंक का नाम सरकार की सूची में शामिल है।

भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने इस मामले में प्रश्र करते हुए कहा कि यश बैंक को पैसा जमा करने की अनुमति कब और किन शर्तों पर दी गई। मंत्री ने इस पर कहा कि इस संबंध में वे अलग से जानकारी उपलब्ध करा देंगे।

नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मामले में कहा कि 05 करोड़ से अधिक की राशि जमा नहीं किया गया। यह पहली सरकार है जब करोड़ों का चूना लगाने वाले को संरक्षण दे रही है। सरकार क्यों बैंक के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आबकारी मंत्री द्वारा आये उत्तर से उनके दल के सभी सदस्य असंतुष्ट है इसलिए वे सदन से बहिर्गमन करते है। यह कहते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

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