देश भर के कई शहरों में मोबाइल ऐप के माध्यम से लोन देने और फिर ठगी के मामले सामने आने के बाद अब आरबीआई ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐसे मामलों को देखने के लिए 13 जनवरी को एक वर्किंग ग्रुप का गठन कर दिया है।
आरबीआई के मुताबिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के जरिये लोन देने सहित डिजिटल लोन को स्टडी के लिए एक वर्किग ग्रुप का गठन किया गया है। आरबीआई ने कहा कि यह ग्रुप लोन देने की प्रक्रिया को देखेगा और उसपर किस तरह से कंट्रोल किया जाए, इसपर अपने विचार देगा।
आरबीआई वर्किंग ग्रुप डिजिटल लोन (ऐप लोन) देने की गतिविधियों के सभी पहलुओं का अध्ययन करेगा, ताकि उसे सही तरीके से रेगुलेट किया जा सके। RBI ने एक बयान में कहा कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटल लेन-देन में बढ़ोतरी एक बेहतर कदम है. लेकिन डिजिटल लेन-देन में कुछ नकारात्मक जोखिम अक्सर जुड़े होते हैं। आरबीआई ने विज्ञप्ति में कहा है कि ऐप बेस्ड लोन पर नजर रखने के लिए और डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए केंद्रीय बैंक नई डिजिल लेन-देन का समर्थन करता है।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में तमाम जगहों से ऐप द्वारा इंस्टेंट लोन में फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं।जिसपर लगाम लगाने की मांग की जा रही है. कई कंपनियां लोगों को घर बैठे केवल आधार कार्ड और पैन नंबर की मदद से छोटे-छोटे लोन दे रही हैं. इसकी आड़ में ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह के लोन का ब्याज भी काफी ज्यादा होता है। देश के सबसे बड़े बैंक-एसबीआई ने भी ग्राहकों से इस तरह की ठगी से बचने के लिए चेतावनी जारी की है. इससे पहले आरबीआई ने भी लोगों के लिए चेतावनी जारी की थी।