CG Sushasan Tihar:सुशासन तिहार में आवेदनों का हो रहा त्वरित निराकरण, त्वरित निराकरण से जनता खुश

रायपुर, 18 अप्रैल 2025। CG Sushasan Tihar:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ में “सुशासन तिहार” के जरिये आम जनता से संवाद कर समाधान निकालने की अनोखी पहल जारी है। इस अभियान का दूसरा चरण ज़ोर पकड़ चुका है, जिसमें सरकार मिशन मोड पर जनआवेदनों का निपटारा कर रही है। पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसहभागिता जैसे शब्द अब कागजों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ज़मीनी हकीकत बन चुके हैं।
डिजिटल तकनीक के ज़रिये योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है आम नागरिकों तक—सरल, तेज़ और असरदार तरीके से। इसी वजह से अब सरकारी योजनाओं का फायदा पाना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है।
रायगढ़ में फटाफट बना श्रमिक कार्ड, आवेदकों के चेहरे पर मुस्कान
रायगढ़ जिले में सुशासन तिहार के तहत कई ज़रूरी आवेदनों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया गया। गांव ननसिया के श्री सुन्दर लाल उरांव और श्रीमती अनीता बाई ने श्रमिक पंजीयन के लिए आवेदन दिया था। विभाग ने बिना देरी किए उनका पंजीयन कर श्रमिक कार्ड बना डाला।

कार्ड के साथ ही उन्हें श्रम विभाग की योजनाओं की पूरी जानकारी भी दी गई—जैसे कि महतारी जतन योजना, छात्रवृत्ति, नोनी सशक्तिकरण, मृत्यु सहायता, सियान पेंशन, साइकिल, सिलाई मशीन जैसी कई स्कीमें जिनका लाभ अब ये दोनों उठा सकते हैं।
खुश होकर श्री सुन्दर लाल उरांव ने कहा, “पहली बार लगा कि सरकार वाकई सुन रही है। आवेदन दिया और चंद घंटों में कार्ड हाथ में मिल गया। अब योजनाओं का लाभ लेना आसान हो गया है। मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करता हूं।”
दिव्यांग सुदर्शन को मिली ट्राइसिकल, बोला- अब जिंदगी आसान लगेगी
पुसौर विकासखंड के ओड़ेकेरा गांव के सुदर्शन खड़िया के लिए ये सुशासन तिहार किसी तोहफे से कम नहीं रहा। समाज कल्याण विभाग ने उनके आवेदन पर संज्ञान लेते हुए उन्हें ट्राइसिकल और बैसाखी मुहैया कराई। 80% दिव्यांगता के चलते सुदर्शन को आने-जाने में काफी दिक्कतें होती थीं।

ट्राइसिकल पाकर सुदर्शन ने कहा, “अब दूसरों पर निर्भर नहीं रहूंगा, खुद से अपने काम कर पाऊंगा। मुख्यमंत्री जी को दिल से धन्यवाद, क्योंकि इस पहल ने हम जैसे लोगों को एक नई राह दिखाई है—संवाद से समाधान की।”
जनता का सीधा जुड़ाव, समाधान की सीधी राह
“सुशासन तिहार” सिर्फ योजनाओं का प्रचार नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच भरोसे का पुल है। सरकार जहां योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में जुटी है, वहीं आम लोग भी खुद को सुना और समझा हुआ महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह पहल सरकारी कामकाज को मानवीय और संवेदनशील दिशा दे रही है।

आगे देखना ये होगा कि सुशासन तिहार के तीसरे चरण में सरकार और किस तरह से लोगों के जीवन में सुधार लाने में कामयाब होती है। लेकिन इतना तय है कि संवाद से समाधान अब सिर्फ नारा नहीं, ज़मीनी सच्चाई बन चुका है।