गौ तस्करी पर छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: आरोपियों पर सफेमा लागू कर संपत्ति जब्त कर होगी नीलामी, संलिप्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारी को तत्काल विभाग से किया जाएगा बाहर…

छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी पर अब सख्त रवैया अपनाया गया है। सरकार ने साफ कह दिया है कि अब केवल जुर्माने और चेतावनी से काम नहीं चलेगा। जो भी गौ तस्करी में संलिप्त पाया जाएगा, उसकी संपत्ति जब्त कर नीलाम की जाएगी। इतना ही नहीं, अगर पुलिस विभाग का कोई भी अफसर या कर्मचारी इस धंधे में मिला, तो उसे सीधे विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
ये बड़े फैसले उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित बैठक में लिए गए हैं। बैठक का मकसद था – गौवंश तस्करी को जड़ से खत्म करना।

नोडल अफसरों की तैनाती, कार्रवाई का खाका तैयार
गृह मंत्री विजय शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी जिलों में एडिशनल एसपी स्तर के नोडल अफसर तैनात किए गए हैं। बैठक में इन अधिकारियों को बुलाकर अब तक के कामकाज की समीक्षा की गई। कुछ जिलों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन कई जगहों पर अभी भी कार्रवाई की रफ्तार धीमी है। इन्हें निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की जाए।
पुलिस कर्मचारी मिले संलिप्त तो होगी तत्काल बर्खास्तगी
अब से यदि किसी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता गौ तस्करी में पाई गई, तो उसे तुरंत पुलिस विभाग से हटाया जाएगा। यही नहीं, गौ तस्करी में इस्तेमाल होने वाली वाहनों को राजसात कर लिया जाएगा और उन्हें नीलाम कर गौ सेवा के लिए खर्च किया जाएगा। इसके अलावा, गौ सेवकों को पहचान देने के लिए गौ सेवा आयोग को आईडी कार्ड जारी करने का भी प्रस्ताव भेजा जाएगा।

आदतन आरोपियों की संपत्ति पर चलेगा सफेमा
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जो आदतन आरोपी हैं, यानी जिनका पुराना रिकॉर्ड गौ तस्करी से जुड़ा है, उन पर सफेमा (SAFEMA) कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह कानून आमतौर पर माफियाओं, आर्थिक अपराधियों और आतंकवादियों पर लगाया जाता है, जिससे उनकी संपत्ति को जब्त कर नीलाम किया जा सके। नीलामी से जो राशि आएगी, वह गौवंश की सेवा में लगाई जाएगी।
पशुपालन विभाग को भी लिखी गई चिट्ठी
गौ तस्करी रोकने के लिए पशुपालन विभाग को भी सक्रिय भूमिका निभाने को कहा गया है। उन्हें पत्र लिखकर निर्देशित किया गया है कि ऐसे मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
निष्क्रिय जिलों को मिला अंतिम अल्टीमेटम
जिन जिलों में अब तक कार्रवाई नहीं के बराबर हुई है, उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि या तो काम करें या फिर जवाब देने के लिए तैयार रहें। गृह मंत्री ने कहा – अब केवल फाइलें नहीं चलेंगी, मौके पर असरदार कार्रवाई नजर आनी चाहिए।
गौ रक्षा के नाम पर अब केवल बयानबाज़ी नहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन पर उतारे हैं अपने इरादे। सफेमा का इस्तेमाल कर संपत्ति जब्त करना और पुलिसवालों को हटाना बताता है कि इस बार सरकार सिर्फ चेतावनी नहीं, एक्शन मोड में है।