Breaking News: 22 नक्सलियों ने छोड़ा हथियार, पुलिस के सामने किया सरेंडर

बीजापुर, 5 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे कड़े अभियानों का असर साफ दिखाई दे रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरे के बाद से राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है, जिससे माओवादी संगठन को एक के बाद एक बड़े झटके लगे हैं। इस बीच, बीजापुर में एक साथ 22 नक्सलियों ने पुलिस और CRPF अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया है, जिससे माओवादी संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है।
नक्सलियों पर घोषित था 26 लाख का इनाम
जानकारी के अनुसार, सरेंडर करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से दो नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था, जबकि दो अन्य पर 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। ये नक्सली पुलिस और CRPF अधिकारियों के सामने सरेंडर करने आए, जो नक्सल विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
सरेंडर करने वाले इन नक्सलियों ने माओवादी संगठन से अपनी दूरी बनाई और अब न्याय के रास्ते पर चलने का फैसला किया है। यह घटनाक्रम माओवादी संगठन के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, जिससे उनके मनोबल में गिरावट आ रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ऐलान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ऐलान किया था कि 31 मार्च 2026 तक देश के सभी हिस्सों से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद से छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों के दौरान कई प्रमुख नक्सली लीडर्स मारे जा चुके हैं, जिससे माओवादी संगठन कमजोर हो गया है।
नक्सलियों के सरेंडर की प्रक्रिया
सरेंडर करने वाले नक्सली अब सरकारी योजनाओं के तहत पुनर्वास की प्रक्रिया से गुजरेंगे। यह भी माना जा रहा है कि इस तरह के सरेंडर माओवादी संगठन के लिए एक चेतावनी हैं, क्योंकि इसके बाद और नक्सली भी मुख्यधारा में लौटने का विचार कर सकते हैं। सरकार की नक्सल विरोधी रणनीतियां अब प्रभावी साबित हो रही हैं, और माओवादी संगठन के खिलाफ इस अभियान को और तेज किया जाएगा।
आगे की दिशा
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे इन अभियानों ने यह साबित कर दिया है कि सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठा रहे हैं। नक्सली सरेंडर की प्रक्रिया और उनके खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों से यह भी साफ हो गया है कि माओवादी संगठन अब अपना प्रभाव खोता जा रहा है और जल्द ही पूरी तरह समाप्त हो सकता है।
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