CG Teacher Union Protest Video: युक्तियुक्तकरण के खिलाफ भड़के शिक्षक, हजारों की भीड़ सड़कों पर उतरी, पुलिस से हुई झूमाझटकी

CG Teacher Union Protest Video: छत्तीसगढ़ में स्कूलों के युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) को लेकर बवाल मच गया है। राज्यभर के शिक्षक इस फैसले के खिलाफ लामबंद हो गए हैं और रायपुर की सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को राजधानी के तूता धरनास्थल पर सैकड़ों शिक्षक प्रदर्शन में शामिल हुए। इनकी मांग है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तुरंत रद्द किया जाए।
पुलिस बैरिकेड्स पर भिड़े शिक्षक, हुई झूमाझटकी
Tuta Dharna Sthal Raipur: राज्योत्सव मैदान के पास जब शिक्षक प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और शिक्षकों के बीच धक्का-मुक्की और झूमाझटकी हो गई। माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया। इसी बीच खबर आई कि शिक्षा सचिव ने शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए बुलाया है।
“बच्चों के भविष्य के साथ क्रूर मज़ाक”, बोले टीएस सिंहदेव
CG Teacher Yuktiyuktkaran: इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्मा गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने युक्तियुक्तकरण को न सिर्फ अव्यवहारिक बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ क्रूर मज़ाक बताया। सिंहदेव ने पूछा – “दो शिक्षक कैसे पहली से पांचवीं तक की 18 कक्षाओं को संभालेंगे? ये तो अमानवीय सोच है।”
“गुणवत्ता नहीं दे पा रहे तो इस्तीफा दें”
TS Singhdeo: टीएस सिंहदेव ने तीखे शब्दों में कहा कि अगर सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे सकती, तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो शिक्षा व्यवस्था निजी हाथों में सौंप दे, लेकिन बच्चों के साथ ऐसा अन्याय न करे।
क्या है युक्तियुक्तकरण की योजना?
CG Teacher Union Protest: स्कूल शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों को या तो बंद करने या फिर उन्हें मर्ज करने की योजना बनाई है। इस फैसले के तहत 60 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों में 1 प्लस 1 शिक्षक, और मिडिल स्कूलों में 1 प्लस 3 शिक्षक तैनात किए जाएंगे। यह मॉडल 2008 की नीति पर आधारित है, लेकिन शिक्षकों का कहना है कि आज की परिस्थिति में यह व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम और बच्चों के साथ अन्यायपूर्ण है।
CG Education Department: तो मामला अब तूल पकड़ चुका है। शिक्षक अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, और सरकार की तरफ से बातचीत की कोशिशें चल रही हैं। देखना ये होगा कि इस टकराव का अंत किस दिशा में होता है — समाधान या और संघर्ष?