CG School Rationalization Controversy: युक्तियुक्तकरण के बाद सरकार का एक और सख्त फैसला, अतिशेष स्कूलों की फंडिंग बंद

CG School Rationalization Controversy: छत्तीसगढ़ में स्कूल युक्तियुक्तकरण (School Rationalization) को लेकर उठे विवाद के बीच सरकार ने अब एक और बड़ा फैसला ले लिया है। शिक्षक संगठनों के विरोध और अनिश्चितकालीन हड़ताल के ऐलान के बावजूद सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रही। हाल ही में शिक्षकों की काउंसलिंग और समायोजित स्कूलों की सूची जारी करने के बाद अब सरकार ने इन स्कूलों का खर्चा ही बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।

10,463 स्कूलों के वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से रद्द

CG Teacher YuktiYuktikaran: छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 10,463 स्कूलों को अतिशेष मानते हुए समायोजित किया है, उन स्कूलों के सभी वित्तीय अधिकारों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत यह निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया है कि अब इन स्कूलों को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता या अनुदान नहीं दिया जाएगा।

यह फैसला शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा, यानी 29 मई 2025 के बाद इन स्कूलों को एक रुपया भी जारी नहीं किया जाएगा। साथ ही जो फंड पहले से इन स्कूलों के पास बचा हुआ है, उसे भी सरकार को लौटाना होगा। आदेश में साफ तौर पर लिखा गया है कि यदि कोई स्कूल इस आदेश के बाद भी खर्च करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

देखिये आदेश-

खाली स्कूल, खाली बजट

सरकार की मानें तो यह समायोजन उन स्कूलों का किया गया है, जहां छात्रों की संख्या बेहद कम है या लगभग ना के बराबर है। ऐसे में सरकार का तर्क है कि इन स्कूलों में पैसा खर्च करना व्यर्थ है। सरकार अब इन स्कूलों को पूरी तरह से अनुदान से बाहर कर रही है, ताकि बजट का सदुपयोग उन स्कूलों में किया जा सके जहां ज़रूरत है।

शिक्षक संगठन नाराज़, हड़ताल की चेतावनी

CG Teacher Union Protest: सरकार के इस कड़े रुख के बाद शिक्षक संगठनों में नाराज़गी और ज़्यादा बढ़ गई है। पहले ही समायोजन नीति के खिलाफ राज्य भर के शिक्षक संगठनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दे रखी है। उनका कहना है कि इस फैसले से न सिर्फ शिक्षकों का मनोबल टूट रहा है, बल्कि उनके परिवारों पर भी संकट आ खड़ा हुआ है।

संगठनों का दावा है कि समायोजन की इस नीति से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ेगा, क्योंकि स्कूलों को एकीकृत करने से कई बच्चों को लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। बावजूद इसके, सरकार अपने फैसले पर अडिग है और कह रही है कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था में सुधार और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है।

क्या है युक्तियुक्तकरण नीति?

CG Teacher Rationalization: युक्तियुक्तकरण या समायोजन नीति का मकसद है शिक्षा व्यवस्था में संतुलन लाना। यानी जिन स्कूलों में शिक्षक ज़्यादा हैं, वहां से उन्हें हटाकर उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां उनकी ज़रूरत है। इसके अलावा, संसाधनों का सही इस्तेमाल और फिजूलखर्ची पर रोक लगाना भी इस नीति का उद्देश्य है।

सरकार का कहना है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, लेकिन ज़मीन पर हालात कुछ और ही तस्वीर पेश कर रहे हैं।

अब देखने वाली बात ये होगी कि सरकार और शिक्षक संगठनों के बीच टकराव कहां जाकर थमता है। फिलहाल, सरकार का रुख साफ है – खर्च बंद, समायोजन लागू और विरोध का कोई असर नहीं। वहीं, शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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