Sushasan Tihar 2025: समाधान शिविर में युवक की अनोखी मांग—CM साय से मिलना है, चाय पर चर्चा करनी है!

Sushasan Tihar 2025: छत्तीसगढ़ में चल रहे समाधान शिविर आमतौर पर बिजली, पानी, सड़क और राजस्व जैसी समस्याओं के समाधान के लिए जाने जाते हैं। लेकिन मुंगेली जिले के एक शिविर में इस बार कुछ हटकर देखने को मिला। यहां एक युवक ने कोई शिकायत नहीं की, बल्कि मुख्यमंत्री से मिलने और उनके साथ ‘चाय पर चर्चा’ की अनोखी मांग रख दी। सरकार द्वारा चलाए जा रहे समाधान शिविर और सुशासन तिहार जैसे कार्यक्रम, जहां प्रशासन को आम जनता के और करीब ला रहे हैं, वहीं अब ये मंच लोगों की सोच और प्रेरणा की अभिव्यक्ति का जरिया भी बनते जा रहे हैं। यहां एक युवक ने न शिकायत की, न कोई सरकारी मदद मांगी… बल्कि सीधा दिल की बात कह दी—
“मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलना है और एक कप चाय पर चर्चा भी करनी है!”
उमेश साहू का आवेदन, जो सबका ध्यान खींच गया
नगर पंचायत जरहागांव के रहने वाले उमेश कुमार साहू ने समाधान शिविर के दौरान बाकायदा एक लिखित आवेदन सौंपा। यह शिविर मुंगेली विकासखंड के छतौना पंचायत में आयोजित किया गया था। उमेश ने अपने आवेदन में मुख्यमंत्री की सादगी, कार्यशैली और सुशासन की तारीफ करते हुए उनके साथ मुलाकात की इच्छा जताई।
चाय की प्याली में लोकतंत्र की बात
उमेश ने पत्र में लिखा—
“सरकार ने समाधान शिविरों और सुशासन तिहार के जरिए जनता से सीधा जुड़ाव कायम किया है। मैं इससे काफी प्रभावित हूं और मुख्यमंत्री से मिलकर उनकी योजनाओं और सोच को प्रत्यक्ष सुनना चाहता हूं। यदि मौका मिले तो एक कप चाय के साथ चर्चा करने का सौभाग्य भी चाहता हूं।”
अब ये तो जाहिर है कि यह कोई आम अर्जी नहीं थी। जैसे ही आवेदन पढ़ा गया, शिविर में मौजूद अफसरों और लोगों के चेहरे पर मुस्कान तैर गई। कुछ ने कहा—“वाह! ऐसा जज़्बा हो तो ही कोई सुशासन की चाय पीने का सपना देख सकता है!”
सिर्फ आवेदन नहीं, एक सोच की झलक है
ये अर्जी महज मिलने की ख्वाहिश नहीं है। इसमें एक युवा की सोच, जनभागीदारी की भावना और लोकतंत्र से जुड़ने की ललक नजर आती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सादगी और जनता से सीधे संवाद की जो छवि है, उमेश उसी से प्रेरित होकर ये मांग लेकर आया।
अब सबकी निगाहें सरकार की तरफ
उमेश का यह आवेदन सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है। अब देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से क्या प्रतिक्रिया आती है। क्या वाकई चाय पर चर्चा होगी? या फिर यह आवेदन सिर्फ समाधान शिविर की दीवारों तक ही सिमट कर रह जाएगा?