PM आवास दिलाने के नाम पर महिला से 8 बार रेप , आरोपी कांग्रेस नेता ने लिए 50 हजार रूपये और प्रेगनेंट होन पर करा दिया गर्भपात

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। बिलासपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने कांग्रेस के पूर्व पार्षद और एल्डरमेन काशी रात्रे पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। मामला सिरगिट्टी थाना क्षेत्र का है, जहां महिला ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि आरोपी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलाने का झांसा देकर उसका शोषण किया।
मकान दिलाने का वादा, फिर भरोसे की हत्या
पीड़िता का आरोप है कि काशी रात्रे ने पहले उसे पीएम आवास योजना के अंतर्गत मकान दिलाने का लालच दिया। फिर धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ाईं और भरोसे में लेकर कई बार उसका शारीरिक शोषण किया। महिला का कहना है कि आरोपी ने न सिर्फ उसका शारीरिक शोषण किया, बल्कि उससे 50 हजार रुपये भी ले लिए।
गर्भवती होने पर जबरन कराया गर्भपात
सब कुछ तब और भयावह हो गया जब महिला गर्भवती हो गई। आरोप के मुताबिक, काशी रात्रे ने गर्भपात की दवा खिलाकर जबरदस्ती उसका गर्भपात करवा दिया। इससे महिला की तबीयत भी बिगड़ गई। पीड़िता का कहना है कि आरोपी लगातार उसे डराता-धमकाता रहा और चुप रहने के लिए मानसिक दबाव बनाता रहा।
पुलिस में FIR दर्ज, आरोपी रफूचक्कर
आखिरकार महिला ने हिम्मत जुटाकर सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने दुष्कर्म और जबरन गर्भपात कराने जैसी गंभीर धाराओं में काशी रात्रे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जैसे ही आरोपी को शिकायत की भनक लगी, वो फरार हो गया।
फिलहाल सिरगिट्टी पुलिस आरोपी की तलाश में लगी है और पूरे मामले की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहता है ये मामला?
यह घटना न सिर्फ एक महिला के साथ हुए अन्याय की कहानी है, बल्कि इस बात की भी गवाही देती है कि कैसे योजनाओं के नाम पर भरोसे को कुचला जा रहा है। सरकार की योजनाएं जरूरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए ज़मीनी निगरानी और जवाबदेही भी उतनी ही जरूरी है।
अब सवाल ये उठता है…
- काशी रात्रे जैसे लोगों को राजनीतिक संरक्षण क्यों मिलता है?
- क्या पीएम आवास योजना के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर कोई निगरानी है?
- और सबसे जरूरी—पीड़िता को कब मिलेगा न्याय?
इस मामले ने एक बार फिर दिखा दिया कि सत्ता के गलियारों से जुड़े लोग जब कानून से खिलवाड़ करते हैं, तो आम जनता के लिए न्याय पाना कितना मुश्किल हो जाता है। अब देखना है कि पुलिस की जांच किस दिशा में जाती है और क्या आरोपी को सजा मिलती है या मामला किसी कोने में दबा दिया जाएगा।
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