नक्सलियों ने बढ़ाया शांति वार्ता की ओर कदम, एक महीने के युद्धविराम की पेशकश, जानिए नक्सलियों के क्यों किया उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का धन्यवाद

सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक बार फिर नक्सल आंदोलन को लेकर एक अहम पहल सामने आई है। कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उत्तर पश्चिम सब जोनल ब्यूरो प्रभारी रूपेश ने सरकार को चिट्ठी लिखकर एक महीने के युद्धविराम की घोषणा की है। इस चिट्ठी में रूपेश ने शांति वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मंशा जताई है और सरकार से इस दिशा में सहयोग की अपील की है।
विजय शर्मा को नक्सली नेता का धन्यवाद
रूपेश ने अपने पत्र में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का आभार जताया है। उन्होंने लिखा,
“मेरे पहले बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए विजय शर्मा जी का धन्यवाद। मेरी सुरक्षा की गारंटी देते हुए इस कोशिश को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए भी मैं उनका आभारी हूं।”
रूपेश का कहना है कि संगठन की ओर से वार्ता में भाग लेने के लिए प्रतिनिधि तय करना है, जिसके लिए नेतृत्वकारी साथियों से मिलना बेहद जरूरी है।

सरकार से ऑपरेशन रोकने की मांग
रूपेश ने सरकार से अपील की है कि जब तक संगठन अपने प्रतिनिधि तय कर ले, तब तक सशस्त्र बलों के ऑपरेशनों पर एक महीने के लिए रोक लगाई जाए। उन्होंने यह शर्त वार्ता की प्रक्रिया को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए जरूरी बताया है।
“शांति वार्ता के लिए हमें अपने नेतृत्वकारी साथियों से मुलाकात करनी होगी। इसके लिए जरूरी है कि एक महीने तक ऑपरेशनों पर रोक लगे ताकि हम सुरक्षित रूप से बैठक कर सकें।”
“राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का अभी जवाब नहीं”
पत्र में रूपेश ने यह भी साफ किया कि फिलहाल वह भाजपा और कांग्रेस नेताओं द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों का जवाब नहीं देना चाहते।
उन्होंने कहा,
“मेरे पहले बयान पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने जो प्रतिक्रियाएं दी हैं, उन पर मैं फिलहाल कुछ नहीं कहना चाहता। अभी मेरा ध्यान केवल शांति वार्ता की दिशा में आगे बढ़ने पर है।”
छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या को लेकर यह एक अहम मोड़ हो सकता है। नक्सलियों की तरफ से वार्ता के लिए खुले तौर पर पहल करना और युद्धविराम की पेशकश करना किसी बड़ी रणनीतिक बदलाव की ओर इशारा करता है। अब देखना ये है कि सरकार इस प्रस्ताव पर आगे क्या कदम उठाती है।