CG Border Security: माओवादियों की घेराबंदी तेज़: महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर सील, नई रणनीति तैयार

CG Border Security: छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान के बाद अब फोकस तीन राज्यों के बॉर्डर पर है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों को पूरी तरह सील कर दिया गया है। ये फैसला हाल ही में राजनांदगांव में हुई इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन मीटिंग में लिया गया, जिसमें तीनों राज्यों के आला पुलिस अफसर मौजूद थे।

Bastar Maoist Operation: सूत्रों के मुताबिक, बस्तर से खदेड़े गए नक्सली अब छोटे-छोटे समूहों में बंटकर बॉर्डर एरिया में शरण ले रहे हैं। इनकी मूवमेंट और मौजूदगी की खबर मिलने के बाद अब तीनों राज्यों की पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। सी-60 कमांडो (महाराष्ट्र), हॉक फोर्स (मध्यप्रदेश) और डीआरजी (छत्तीसगढ़) को अलर्ट पर रखा गया है।

कॉरिडोर सील, रणनीति सख्त

Border Area Security: राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य के मुताबिक, माओवादियों को इस कॉरिडोर से दूर रखना ही अब प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि यह इलाका माओवादियों का डंपिंग ज़ोन माना जाता है, जहां वे हथियार और बाकी सामान जमा करते हैं।

Naxal Latest Update: अब सुरक्षा एजेंसियों की निगाह हर मूवमेंट पर है। सीमाओं पर चौकसी और गश्त तेज़ कर दी गई है। कोई भी नक्सली यहां से वापस बस्तर में घुसपैठ न कर सके, इसके लिए हर मोर्चे पर सुरक्षा बल तैनात हैं।

छोटे-छोटे गुटों में छिपे, लगातार ठिकाना बदल रहे नक्सली

पुलिस अफसरों का कहना है कि पहले माओवादी जंगलों में स्थायी कैंप बनाते थे, लेकिन अब लगातार कार्रवाई के बाद वे रणनीति बदल चुके हैं। अब ये छोटे-छोटे दलों में बंटकर एक जगह ज्यादा देर नहीं टिकते।

Naxal Operation 2025: नक्सली अब भी आत्मसमर्पण कर सकते हैं, इसके लिए पुलिस ने खुले तौर पर अपील की है। हालांकि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

तीन राज्यों की साझा कार्रवाई

इस अभियान में सबसे खास बात है तीन राज्यों की साझा रणनीति। माओवादी जिस भी दिशा में भागने की कोशिश करेंगे, उन्हें हर ओर से घेरे में लिया जाएगा। अफसरों ने साफ कर दिया है कि इस बार उन्हें कोई ठिकाना नहीं मिलेगा।
सीमा सील है, रणनीति सख्त है और फोर्स हर मोर्चे पर तैयार। आने वाले वक्त में माओवादियों के सफाए की तस्वीर और साफ होगी।

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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